बसपा सुप्रीमो मायावती भाजपा की तर्ज पर टीम-टू तैयार करेंगी, जिससे वो जहां न जा पाएं वहां इस टीम के नेता जा सके। इसमें भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश आनंद की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इस श्रेणी में पार्टी के अन्य पुराने नेता भी शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव अकेले जीतने वाले रसड़ा बलिया के विधायक उमाशंकर का कद भी आगे चलकर बढ़ाया जा सकता है। रविवार को हुई पार्टी की बैठक में इन तीनों की सक्रियता का संदेश कुछ इस तरफ ही इशारा करता है।
मायावती हमेशा परिवारवाद की राजनीति का विरोध करती रही हैं। उनके ऊपर जब परिवारवाद का आरोप लगा तो उन्होंने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटा दिया। भतीजे आकाश आनंद को लेकर मीडिया में जब खबरें आने लगी तो कहा कि कांशीराम की शिष्या हूं। अगर मीडिया में आकाश तो लेकर इसी तरह बातें आती रहीं तो उसे आगे जरूर बढ़ाऊंगी। मायावती ने आकाश को आगे भी किया, लेकिन यूपी से उनको दूर रखा। आकाश का इस्तेमाल इस बार पंजाब चुनाव में किया, लेकिन यूपी में आकाश की उठती मांग और टीम-टू की जरूरत को देखते हुए एक बार फिर भाई और भतीजे को आगे कर रही हैं।
भतीजे आकाश आनंद ने पंजाब के चुनाव में काफी मेहनत की है। बसपा को भले ही वहां सफलता न मिली हो पर, उनकी मेहनत की तारीफ हुई। इसीलिए रविवार को जब पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई तो मायावती ने भाई आनंद कुमार के साथ भतीजे आकाश आनंद को विशेष तौर पर बुलाया। पार्टी पदाधिकारियों से दोनों का परिचय कराया गया। राष्ट्रीय स्तर पर रामजी गौतम के साथ आकाश काम कर चुके हैं। मायावती ने रामजी गौतम को प्रदेश का प्रभारी बनाया है। बताया जा रहा है कि आकाश और रामजी गौतम जल्द ही प्रदेशभर में दौरा कर संगठन के लोगों से मुलाकात करेंगे। इसका मकासद बसपा की खोई हुई ताकत को वापस पाना है और पार्टी के साथ युवाओं को जोड़ना है।