कश्मीरी पंडितों पर बर्बरता और उनके सामूहिक पलायन पर बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' में कई घटनाओं का जिक्र है जो दर्शकों की भावनाएं उभार रही हैं। 1990 के दशक में कश्मीर में हुए अमानवीय अत्याचार के वक्त फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री की कुर्सी पर थे। फिल्म में उन्हीं अब्दुल्ला के मिजाज पर तंज कसा गया है। 1980 के दशक की उस घटना का जिक्र करते हुए खुद फारूक अब्दुल्ला कहते हैं कि कैसे उस एक वाकये से उनकी छवि ही बदल गई।
जून 2009 में अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्स्प्रेस में प्रकाशित एक खबर में अब्दुल्ला के हवाले से कहा गया है कि वह अपनी बाइक से कहीं जाने को तैयार हुए कि बॉलिवुड अभिनेत्री शबाना आजमी आ धमकीं। अब्दुल्ला बताते हैं, 'शाबाना जी आईं और मेरी मोटरसाइकल पर बैठ गईं। मैं उस एक घटना पर अपना स्टैंड कभी क्लियर नहीं कर सका। शायद मैं छवि को लेकर इतना चिंतित नहीं था, इसलिए मैंने अपनी व्यक्तिगत जिंदगी पर पर्दा डालने के लिए झूठ नहीं बोला।'
फिल्म में एक डायलॉग के जरिए फारूक अब्दुल्ला पर तंज कसा गया है। एक किरदार ने कहा कि कश्मीर में आग लगी है और उन्हें गोल्फ खेलने और हीरोइन के साथ बाइक पर घूमने से ही फुर्सत नहीं है। घटना के करीब तीन दशक बाद और अब से 13 वर्ष पहले फारूक ने कहा, 'अब इसक कोई मतलब नहीं रह गया है। मैं उम्रदराज हो रहा हूं।' वो आगे कहते हैं, 'मैं अपनी आखिरी पारी खेल रहा हूं। मैंने अपनी शर्त पर जिंदगी जी है।'
गुप्तचर संस्था रिसर्च एंड ऐनालिसिस विंग रॉ (RAW) के पूर्व अधिकारी एनके सूद ने इस घटना पर रोष प्रकट किया है। उन्होंने ट्वीट किया, जब कश्मीर में कश्मीरियों का नरसंहार हो रहा था तब फारूक अब्दुल्ला अपनी मोटरसाइकल की पिछली सीट पर शबाना आजमी को बिठाकर घूम रहे थे और सुरक्षा हालात का जायजा ले रहे थे। उन्हें हिंदू कश्मीरियों की कितनी चिंता थी?
फारूक अब्दुल्ला ने द इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत में यह भी बताया था कि अपने बेटे और बेटी की कश्मीर से बाहर और वो भी हिंदुओं से शादी करने की अनुमति क्यों दी थी? वो बताते हैं, 'मेरी मां, बहनें और सभी भाई इन शादियों के खिलाफ थे।' फिर फारूक कैसे मान गए? इस पर वो कहते हैं, 'उमर (अब्दुल्ला) को मैं रोक सकता था, लेकिन तब मुझे पता था कि वह इंग्लैंड में शादी करता और उसका हाल भी मेरे जैसा ही होता- पूरी जिंदगी एक बंटे हुए परिवार के बीच कटती।'
वो कहते हैं कि उमर को दिल्ली के आर्मी ऑफिसर की बेटी पायल सिंह से प्यार था। मुझे लगा कि उसका फैसला है, उसकी जिम्मेदारी है और मैं नहीं चाहता था कि किसी चीज के लिए वह मुझपर दोष मढ़े। बेटी सारा के बारे में बताते हुए फारूक कहते हैं, 'सारा के साथ भी यही हुआ था। उसने सचिन पायलट से शादी करने का फैसला किया। मुझे लगा कि (मना करूंगा तो) बेटी को खो दूंगा। मैं यह नहीं चाहता था।' वो कहते हैं, 'अल्लाह के करम से हमारा खुशहाल परिवार है। मेरे बच्चों का वैवाहिक जीवन बढ़िया कट रहा है और अब मैं दादा-नाना बन गया हूं।'
ध्यान रहे कि उमर अब्दुल्ला और पायल नाथ ने वर्ष 2011 में तलाक ले लिया है। वहीं, सारा अब्दुल्ला और सचिन पायलट आज भी पति-पत्नी हैं। सारा और उमर के अलावा फारूक की एक और बेटी साफिया अब्दुल्ला हैं। उनकी शादी एक ईसाई से हुई है। खुद फारूक अब्दुल्ला ने एक ब्रिटिश महिला से शादी की है जो इसाई हैं। इस तरह, फारूक के परिवार में ईसाई और हिंदू दोनों हैं।