अंबेडकरनगर: जिले के अधिकांश पशु अस्पतालों मे डॉक्टरों की तैनाती नहीं, पशुपालक परेशान

अंबेडकरनगर: जिले के अधिकांश पशु अस्पतालों मे डॉक्टरों की तैनाती नहीं, पशुपालक परेशान

 अंबेडकरनगर।  अंबेडकरनगर का पशुचिकित्सा विभाग डॉक्टरों एवं कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। आलम ये है कि एक डॉक्टर को 2 अस्पतालों की जिम्मेदारी संभालनी पड़ रही है। पशु अस्पतालों में चिकित्सक एवं कर्मचारी न होने के कारण पशुओं के इलाज में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सक न होने के कारण लोगों को अपने पशुओ के इलाज के लिए प्राइवेट डॉक्टर की सहायता लेनी पड़ रही है। डॉक्टरों की कमी से पशुओं को नहीं मिल रहा इलाज । 

अंबेडकरनगर में 18 पशु चिकित्सालय व 21 पशुधन प्रसार केंद्र हैं, लेकिन चिकित्सकों व अन्य कर्मचारियों की कमी से कार्य प्रभावित हो रहा है। डॉक्टरों की कमी की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान समय में इलाज, टीकाकरण, पशुबीमा के अलावा, आवारा पशु को पकड़ने का काम किया जा रहा है। गौशालाओं में पशुओं की देखरेख इन्ही डॉक्टरों द्वारा किया जाता है, जिसकी वजह से डॉक्टर समुचित इलाज नहीं कर पा रहे है।3 अस्पतालों में नही है, डॉक्टर । 

18 पशुचिकित्सालय है, जिसके लिए 18 पद चि कित्सक के सृजित किये गए है, लेकिन 15 चिकित्सालयों में ही डॉक्टरों की तैनाती है। जलालपुर, भीटी तथा टांडा में बने अस्पताल में किसी डॉक्टर की नियमित तैनाती नहीं है। यही वजह है कि, यहां दूसरे अस्पताल के डॉक्टर को प्रभार दिया गया है।  5 पशुधन केंद्र पर नहीं है फर्मासिस्ट ।  जिले में 21 पशुधन प्रसार केंद्र बनाए गए है। नियमों के मुताबिक इनमें वैटनरी फार्मासिस्ट होनी चाहिए, लेकिन बसखारी, रामनगर, महरुआ, मालीपुर एवं हंसवर में वैटनरी फार्मासिस्ट के पद खाली है, जिसके चलते लोगों को पशुओं के इलाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

18 पशु चिकित्सालयों के लिए 36 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद सृजित है, लेकिन 25 कर्मचारियो की ही तैनाती है। अकबरपुर, भीटी, टांडा व कटेहरी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी है, जिसके चलते दिक्कतें आ रही है।

- सत्यम सिंह

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