वैसे तो योजना के तहत 18 मार्च तक राशन का वितरण उपभोक्ताओं को कर दिया जाना चाहिए, लेकिन जिले में गेहूं की समुचित उपलब्धता न होने से वितरण की तारीख बढ़ाकर 23 मार्च तक कर दी गई है। इस बीच जिले में गेहूं की अनुपलब्धता के साथ-साथ चावल की भी कमी हो गई। नतीजा यह है कि अमेदा समेत एक दर्जन से अधिक कोटे की दुकानों से गेहूं के साथ-साथ चावल के भी वितरण का कार्य ठप हो गया है।
संबंधित कोटे से जुड़े उपभोक्ताओं को सिर्फ चना, नमक व रिफाइंड ऑयल से ही संतोष करना पड़ रहा है।अमेदा कोटे से जुड़े उपभोक्ता दिलीप कुमार व रेखा ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें कोटे से न तो गेहूं मिला और न ही चावल। कोटेदार की ओर से बताया जा रहा है कि गोदाम से ही नहीं मिल सका है। ऐसे में सिर्फ चना, रिफाइंड ऑयल व नमक से ही संतोष करना पड़ रहा है। अनेकों राशन कार्डधारकों ने कहा कि निशुल्क राशन का लाभ उन्हें अब तक नहीं मिल सका है। गेहूं व चावल न होने के चलते उन्हें सिर्फ नमक, चना व रिफाइंड ऑयल ही मिल सका है।