- सत्यम सिंह
अंबेडकरनगर। जिले भर में शबे बारात की रात मुस्लिम समुदाय के लोग जहां कब्रिस्तान जाकर अपने बुजुर्गों की कब्रों पर फातिहा पढ़ा वही रात भर मस्जिदों में इबादत अदाकर अपनी गुनाहो की तौबा मांगी। वहीं मुस्लिम महिलाओं ने घरों में इस रात घर पर रह कर नमाज अदा की, कुरान की तिलावत करके अल्लाह से दुआएं मांगी।
कोरोना कॉल के बाद हटी पाबंदी तो कब्रिस्तानों में लगी अकीदत मंदों की भीड़ शहर के सभी कब्रिस्तान जहां जगमगा रहे थे। वहीं बड़ी संख्या में अकीदत मंद लोगों ने मस्जिदों और मजारों को भी झालरों आदि से सजा रखा था। इसके अलावा कब्रिस्तान में आने वाले लोगों ने अपने-अपने माता-पिता व घर वालों की कब्रों पर मोमबत्तियां जलाकर उसे जगमा रखा था। लोगों कब्रों पर जहां फातिहा पढ़ा वहीं कुरआन की तिलावत भी किया। अकबरपुर शहर के मेलहिया बाग स्थित कर्बला व कब्रिस्तान पर दो साल के कोरोना कॉल के बाद इस बार जब पाबंदी हटी तो अकीदतमंद बड़ी संख्या में पहुंचे थे। कोरोना कॉल में भी लोग शबे बारात पर अपने बुजुर्गों की कब्रों पर आए लेकिन लेकिन संख्या उनकी कम थी।
मजारों पर भी अकीदत मंद सैकड़ों की संख्या में पहुंचे। सभी ने यहां फातिहा पढ़ा और अपने व मुल्क की सलामती के लिए दुआएं मांगी। जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम कर रखे थे। हिंदू और मुस्लिमों का त्योहार पारंपरिक और हर्षोउल्लास के साथ मना। किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई। दोनों धर्मों के लोगों ने अपने-अपने त्योहार मनाया।