आम बजट 2023-24 ने देश की उभरती हुई सुदृढ़ अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश की है। ऐसा महसूस हो रहा जैसे देश ने महामारी और आर्थिक मंदी को पीछे छोड़ दिया है।
टैक्स स्लैब में छूट देकर आम जन को काफी राहत दिया गया है। औद्यौगिक ईकाईयों में लौट रही रौनक इस बात को प्रमाणित भी करती है कि सकल घरेलू को मजबूत करने को लेकर जो हमने उम्मीद की थी वह निराधार नही है।इसका असर हमारे थोक मुद्रा स्फीति में गिरावट के रूप में देखा जा सकता है।अर्थात आने वाले दिनों में थोक मंहगाई दर में गिरावट आ सकती है।
हमारी विशाल आबादी आज तीन वर्षो से केवल पेट भर रही है इस वैश्विक आर्थिक मंदी के वावजूद हमारे किसानो ने अनाज की कमी इस देश को कभी नही होने दी है इसलिए बजट का फोकस कृषि और किसानो पर केन्द्रित है। विभिन्न योजनाओ के माध्यम से कृषि जगत को मजबूत करने की मंशा बजट में साफ नजर आती है।स्कील डेवलपमेंट इंस्टीच्यूट और नौकरी की योजना को लाना बढती वेरोजगारी के लिए ब्रेक का काम कर सकता है ।
उर्जा के क्षेत्र में वैश्विक विनिर्माण पावरहाउस, निर्माण के लिए सस्ती बिजली उपलब्ध कराना ।अक्षय ऊर्जा पर जोर देना, और रोजगार सृजन के लिए मध्यम तथा लघु व सूक्ष्म उद्योग को बढावा देने का कार्य सराहनीय है।
अनुमान के मुताबिक अगले साल जीडीपी 6•8तक रहने का अनुमान है जो कि उम्मीद से वेहतर और सकून देने वाला है। आज थोडा धीरे ही सही पर हमारी अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है तो वह रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी ।