सपा में शामिल होंगे मायावती के करीबी

सपा में शामिल होंगे मायावती के करीबी

यूपी में जल्द ही एक और बड़े बसपा नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. सपा उन्हें इस सीट से प्रत्याशी भी बना सकती है.




आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में सियासी गठजोड़ की राजनीति दोनों तरफ से की जा रही है. बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों अपने कुनबे को मजबूत करने में जुटे हैं. इस बीच आजमगढ़ से बसपा के दिग्गज नेता और कई बार विधायक रह चुके बड़े समाजसेवी गुड्डु जमाली समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो सपा उन्हें आजमगढ़ सीट से उम्मीदवार भी बना सकती है. 


गुड्डू जमाली को लेकर इन दिनों चर्चा तेज हैं. खबरों की माने तो 28 फरवरी को वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. सपा के साथ उनकी बातचीत लगभग फाइनल हो चुकी है, अब बस एलान होना बाकी है. इस बात की तस्दीक इस बात से भी होती है कि खुद सपा नेता आईपी सिंह उन्हें लेकर ये दावा किया है. आईपी सिंह ने एक्स पर लिखा, 'आजमगढ़ से अनेकों बार के विधायक रहे बड़े समाजसेवी श्री गुड्डू जमाली का समाजवादी पार्टी में शामिल होना पार्टी के लिए हम सबके लिए सुखद पहलू होगा'


क़यास लगाए जा रहे हैं कि गुड्डू जमाली अगर समाजवादी पार्टी में आते हैं तो अखिलेश यादव उन्हें आज़मगढ़ सीट से उम्मीदवार बना सकते हैं. ऐसा हुआ तो इस सीट पर बीजेपी के साथ मुकाबला बेहद दिलचस्प हो जाएगा. 


कौन हैं गुड्डू जमाली?

गुड्डू जमाली आजमगढ़ के मुबारकपुर के रहने वाले हैं और बड़े बिजनेसमैन हैं. साल 2022 में आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. जबकि सपा की ओर से यहां अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया था. इस उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव को हार का सामना करना पड़ा था और बीजेपी के दिनेश लाल निरहुआ चुनाव जीत गए थे. 


आजमगढ़ सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है. 2019 में इस सीट पर अखिलेश यादव की जीत हुई थी लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव के बाद जब उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दिया तो उपचुनाव में ये सीट सपा के हाथ से निकल गई थी. धर्मेंद्र यादव की हार के पीछे गुड्डू जमाली सबसे बड़ी वजह बने थे. इस उपचुनाव में बीजेपी के दिनेश लाल निरहुआ 3,12,768 वोट मिले. जबकि सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को 3,04,089 वोट और गुड्डू जमाली को 2,66,210 मिले. अगर बसपा ने उन्हें खड़ा नही किया होता यहां से सपा की जीत हो सकती थी. 


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