सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण के बाद ही मिलेगा भारी वाहन का लाइसेंस

सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण के बाद ही मिलेगा भारी वाहन का लाइसेंस




अंबेडकरनगर: जिले में भारी वाहन का लाइसेंस प्राप्त करना अब पहले जैसा आसान नहीं रहेगा। शासन द्वारा किए गए नए प्रावधानों के तहत, अब आवेदकों को सिम्युलेटर मशीन पर एक माह तक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ही लाइसेंस दिया जाएगा। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य फर्जीवाड़ा रोकने और आवेदकों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करना है।


सिम्युलेटर मशीन पर प्रशिक्षण अनिवार्य :


अब तक जिले में भारी वाहन का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदकों को मोटर ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण लेना होता था, लेकिन इसमें कई बार गड़बड़ी के मामले सामने आते रहे। इन समस्याओं को दूर करने के लिए शासन ने सिम्युलेटर मशीन पर एक माह तक प्रशिक्षण लेना अनिवार्य कर दिया है। इससे न केवल आवेदकों की स्किल्स में सुधार होगा, बल्कि सड़कों पर सुरक्षा भी बढ़ेगी।


जिले में नौ ट्रेनिंग सेंटर तैयार :


अंबेडकरनगर में कुल नौ मोटर ट्रेनिंग सेंटर हैं, जहां सिम्युलेटर मशीन के साथ-साथ अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। इन सेंटरों में अवध मोटर ट्रेनिंग स्कूल अकबरपुर, नेशनल मोटर ट्रेनिंग इल्तिफातगंज, विश्वकर्मा मोटर ट्रेनिंग सेंटर टांडा, स्टार मोटर ट्रेनिंग सेंटर बसखारी, साई मोटर ट्रेनिंग सेंटर इल्तिफातगंज, सुरेश मोटर ट्रेनिंग इल्तिफातगंज, भारत मोटर ट्रेनिंग मिझौड़ा, डीकेपी मोटर ट्रेनिंग सेंटर भीटी, और बालाजी मोटर ट्रेनिंग सेंटर मिझौड़ा शामिल हैं।


प्रशिक्षण के लिए आवश्यक दस्तावेज़ :


प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आवेदकों को अपने एक वर्ष पुराने लर्निंग लाइसेंस, आधार कार्ड, और दो पासपोर्ट साइज फोटो ट्रेनिंग सेंटर पर जमा करने होंगे। एक सेंटर एक माह में केवल 24 लोगों को ही प्रशिक्षण दे सकेगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद आवेदकों को एक प्रमाणपत्र प्राप्त होगा, जिसे एआरटीओ कार्यालय में जमा करने पर उन्हें लाइसेंस जारी किया जाएगा।


एआरटीओ का बयान :


जिले के एआरटीओ सत्येंद्र यादव ने बताया कि सभी नौ ट्रेनिंग सेंटरों पर सिम्युलेटर मशीन के माध्यम से भारी वाहन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ही आवेदक एआरटीओ कार्यालय से लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं।


इस नई व्यवस्था से भारी वाहन चलाने वालों की सुरक्षा और उनकी योग्यता में सुधार की उम्मीद की जा रही है। अब आवेदकों को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक माह का सख्त प्रशिक्षण लेना होगा, जिससे वे बेहतर ड्राइविंग स्किल्स के साथ सड़क पर उतर सकेंगे।

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