हत्या के मामले में न्याय की गुहार: पीड़ित परिवार ने प्रशासन से की गंभीर अपील

हत्या के मामले में न्याय की गुहार: पीड़ित परिवार ने प्रशासन से की गंभीर अपील




अम्बेडकर नगर : जनपद के जलालपुर थाना क्षेत्र के ग्राम नसोपुर निवासी शिवचरन ने अपनी पत्नी प्रेमशिला की हत्या के मामले में प्रशासन के समक्ष न्याय की गुहार लगाते हुए एक ज्ञापन प्रस्तुत किया है। ज्ञापन में उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं कि उनके खेत में बने ट्यूबवेल और नाली समेत अन्य संरचनाओं को दबंग भूमाफियाओं ने तोड़फोड़ कर नष्ट कर दिया, जिससे उनके परिवार का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। 


ज्ञापन के अनुसार, 14 सितंबर 2024 को हनुमान सिंह पंत, शिवपूजन सिंह, भगवान सिंह उर्फ मोनी सिंह, और राम सिंह पुत्रगण शिवमूरत सिंह ने अपने गुंडों के साथ मिलकर क्षेत्रीय लेखपाल दुर्गा सिंह और थाना प्रभारी संतोष सिंह के सहयोग से शिवचरन के खेत में जबरन खुदाई की। इस घटना के खिलाफ शिवचरन ने जलालपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें उनकी पत्नी और बेटी का बयान जिला न्यायालय में 20 सितंबर को लिया जाना था, लेकिन उस दिन यह संभव नहीं हो सका।


शिवचरन ने अपने ज्ञापन में बताया कि 20 सितंबर 2024 को, जब वे अपनी पत्नी और बेटी के साथ वापस लौट रहे थे, तो रास्ते में उन्हें जानबूझकर लक्षित किया गया। हजपुरा चौराहे के पास, ब्रीजा कार द्वारा उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मारी गई, जिससे उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें तत्काल लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, लेकिन चिकित्सा के दौरान 25 सितंबर 2024 को उनकी मौत हो गई। इस घटना ने शिवचरन और उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।


ज्ञापन में शिवचरन ने प्रशासन से परिवार के एक सदस्य को नौकरी, पचास लाख रुपये का मुआवजा, परिवार की सुरक्षा की उचित व्यवस्था, संबंधित लेखपाल दुर्गा सिंह और थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह की बर्खास्तगी, आरोपियों को फांसी की सजा, शिवचरन की भूमि की बैरीकेटिंग, और प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।


शिवचरन ने कहा, "हमारी जिंदगी में जो भय और परेशानी आई है, उसकी भरपाई संभव नहीं है। मैं और मेरा परिवार इस घटना से मानसिक, आर्थिक, और सामाजिक रूप से प्रभावित हुए हैं। हमें न्याय चाहिए।" उनकी इस गंभीर अपील ने स्थानीय समुदाय में हलचल मचा दी है, और अब सभी की नजरें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं। स्थानीय नागरिकों और समाज के विभिन्न सदस्यों ने भी पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति प्रकट की है और न्याय की मांग की है।


इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि क्या प्रशासन उन दबंगों और भूमाफियाओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करेगा, जो कानून को अपने हाथ में लेने से नहीं हिचकिचाते। पीड़ित परिवार की यह मांग केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि वे ऐसे अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों। 


शिवचरन के ज्ञापन के बाद प्रशासन के अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों से चर्चा करने का आश्वासन दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या पीड़ित परिवार को जल्द ही न्याय मिल सकेगा।

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