अंबेडकरनगर। सरयू नदी का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। रविवार को नदी का जलस्तर खतरे के लाल निशान 85.56 मीटर से महज 16 सेंटीमीटर नीचे 85.40 मीटर तक पहुंच गया। इससे माझा क्षेत्र के 12 गांवों की लगभग 25 हजार की आबादी की चिंता एक बार फिर से बढ़ गई है। यदि जलस्तर में इसी प्रकार की वृद्धि जारी रही, तो सोमवार सुबह तक यह खतरे के निशान को पार कर सकता है।
बीते दिनों में जलस्तर में कमी से ग्राम पंचायत माझा कम्हरिया और आराजी देवारा क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली थी। हालांकि, बाढ़ से प्रभावित 22 बीघा खेत और भूमि की कटान और कुर्मी प्रसाद का पूरा संपर्क मार्ग जलमग्न हो गया था, जिसके कारण नाव का संचालन भी करना पड़ा था।
रविवार की शाम को जलस्तर में तेज़ी से वृद्धि होने लगी और यह खतरे के लाल निशान से महज 16 सेंटीमीटर नीचे था। जलस्तर की इस वृद्धि से माझा क्षेत्र के लोगों की चिंता बढ़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो सोमवार सुबह तक बाढ़ का पानी खतरे के लाल निशान से ऊपर पहुंच सकता है, जिससे संबंधित मजरों और कुर्मी प्रसाद के संपर्क मार्ग तक पानी पहुंच जाएगा।
सरयू नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी से टांडा के ग्रामीणों को भी बाढ़ की आशंका परेशान करने लगी है। टांडा तहसील के आधा दर्जन से अधिक गांव हर वर्ष सरयू की बाढ़ से प्रभावित होते हैं। एडीएम डॉ. सदानंद गुप्ता ने बताया कि जलस्तर बढ़ा है, लेकिन टांडा और आलापुर तहसील में स्थिति अभी सामान्य है। बाढ़ प्रखंड और राजस्व कर्मियों द्वारा स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।