अंबेडकरनगर। जिला कारागार में बंदियों के बैरक आवंटन की नई व्यवस्था जल्द लागू की जा रही है, जिससे 500 से अधिक बंदियों को उनके नाम के पहले अक्षर के आधार पर बैरकें दी जा रही हैं। यह नई प्रणाली कारागार मुख्यालय के आदेश के बाद लागू की गई है और इसका मुख्य उद्देश्य बंदियों की पहचान और उनकी खोज को आसान बनाना है।
पहले बंदियों को यादृच्छिक रूप से बैरकों में रखा जाता था, जिससे अधिकारियों को उन्हें खोजने में परेशानी होती थी। उदाहरण के तौर पर, राम, श्याम, मोहन, और सोहन जैसे नामों के बंदी एक ही बैरक में होते थे। अब, इस नए नियम के तहत बंदियों को उनके नाम के पहले अक्षर के अनुसार बैरकों में रखा जाएगा। इससे न केवल अधिकारियों के लिए बंदियों की पहचान और स्थान का पता लगाना सरल हो जाएगा, बल्कि मुलाकात और कोर्ट की तारीखों पर जाने वाले बंदियों को ढूंढने में भी आसानी होगी।
जेल अधीक्षक शशिकांत ने बताया कि इस नई व्यवस्था को कारागार मुख्यालय से निर्देश मिलते ही लागू कर दिया गया है और अधिकांश बंदियों को उनके नाम के अनुसार बैरकें आवंटित कर दी गई हैं। शेष प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी ताकि आदेश का पूर्ण रूप से पालन हो सके।