कवि सम्मेलन में बही काव्य की रसधार, श्रोता भए निहाल

कवि सम्मेलन में बही काव्य की रसधार, श्रोता भए निहाल




अम्बेडकरनगर। जिला मुख्यालय अकबरपुर के ब्लॉक परिसर में मंगलवार की रात सद्भावना अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ। इस कवि सम्मेलन में देशभर के नामचीन कवियों ने अपनी रचनाओं के जरिए श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा। कार्यक्रम में कवियों ने गीत, हास्य, शायरी और देशभक्ति से सराबोर कविताओं का सजीव प्रस्तुति देकर माहौल को एक यादगार शाम में तब्दील कर दिया।


सांस्कृतिक शुरुआत


कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज शास्त्री नगर के छात्रों द्वारा प्रस्तुत मनमोहक गायन से हुई। छात्रा सरस्वती पांडेय और छात्र मनीष पांडेय ने अपने सुरों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद मंच पर आए कवियों ने अपनी कला का प्रदर्शन शुरू किया, जिससे श्रोताओं ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद उठाया। 


कवि सम्मेलन का आयोजन और पुस्तक विमोचन






इस कवि सम्मेलन का आयोजन जनपद निवासी राष्ट्रीय कवि अभय सिंह निर्भीक की ओर से किया गया था। कार्यक्रम में एक और अहम क्षण तब आया जब जनपद के युवा लेखक कुमार विवेक की पुस्तक करंटहवा का विमोचन किया गया। इस अवसर पर साहित्य और कला से जुड़े कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिन्होंने इस पुस्तक के विमोचन को सराहा।


गीतकार विष्णु सक्सेना की प्रेम और भावनाओं से भरी प्रस्तुति






कवि सम्मेलन में गीतकार डॉ. विष्णु सक्सेना ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों का दिल जीता। उनकी प्रेम की पंक्तियाँ जैसे तुम हमारी कसम तोड़ दो, हम तुम्हारी कसम तोड़ दें ने श्रोताओं के दिलों को छू लिया। उनकी प्रस्तुति ने प्रेम और भावनाओं के बीच एक नई मिठास भर दी। उनके इस गीत को श्रोताओं ने खूब सराहा और तालियों से उनका स्वागत किया।


अभय सिंह निर्भीक की देशभक्ति से भरी कविताएँ






देशभक्ति की भावना का संचार करते हुए  अभय सिंह निर्भीक ने अपनी प्रस्तुति में ऐसी कविताएँ पढ़ीं जिनमें उन्होंने भारतीय संस्कृति, मातृभूमि के प्रति समर्पण और समाज में व्याप्त कुरीतियों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से दर्शकों को यह संदेश दिया कि हर व्यक्ति को अपने देश और संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। उनकी पंक्तियाँ "भारत माता का हरगिज सम्मान नहीं खोने देंगे, अपने पूज्य तिरंगे का अपमान नहीं होने देंगे" ने पूरे वातावरण को देशभक्ति की भावना से सराबोर कर दिया। उनकी कविता ने लोगों के दिलों में देशप्रेम की भावना को और गहरा कर दिया।


हास्य कवि सर्वेश अस्थाना की चुटीली व्यंग्य रचनाएँ


कार्यक्रम में हास्य का तड़का लगाते हुए डॉ. सर्वेश अस्थाना ने अपने चुटीले व्यंग्य और हास्य कविताओं से श्रोताओं को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। उनकी प्रस्तुति ने माहौल को हल्का-फुल्का बना दिया, जिसमें श्रोता हंसते-हंसते लोटपोट हो गए। उनका संचालन भी हास्यपूर्ण और मनोरंजक रहा, जिससे कवि सम्मेलन की रौनक और बढ़ गई। 


शायर अजहर इकबाल की रोमांटिक शायरी ने बांधा समां


शायर अजहर इकबाल ने अपनी रोमांटिक और भावनात्मक शायरी से श्रोताओं को गहरे प्रेम और इश्क की दुनिया में ले गए। उनकी प्रस्तुति के दौरान तालियों की गड़गड़ाहट ने यह साबित कर दिया कि श्रोताओं ने उनकी शायरी को दिल से स्वीकार किया। उनके अंदाज और शेरो-शायरी ने शाम को एक नई दिशा दी, जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा।


युवा कवियत्री मनु वैशाली का सामाजिक संदेश





कार्यक्रम में युवा कवियत्री मनु वैशाली ने अपने प्रसिद्ध गीत *तुम पूछते हो अब गांवों में क्या रखा है* के माध्यम से श्रोताओं को गांव और उसके मूल से जोड़ने की कोशिश की। उनकी कविता ने श्रोताओं के दिलों में गांव और वहां के जीवन के प्रति संवेदना और जुड़ाव का अहसास कराया। मनु वैशाली की प्रस्तुति ने श्रोताओं को उनके सामाजिक मूल्यों और संस्कारों की याद दिलाई, जिससे उनकी प्रस्तुति को भी खूब सराहा गया।


कार्यक्रम के संयोजक अभय सिंह निर्भीक ने आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी कवियों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन डॉ. सर्वेश अस्थाना ने बड़े ही रोचक और हास्यपूर्ण अंदाज में किया, जिसने श्रोताओं को लगातार बांधे रखा। 


कवि सम्मेलन में बही कविता की रसधार ने न केवल श्रोताओं का दिल जीता, बल्कि इस आयोजन ने साहित्यिक प्रेमियों को एक यादगार शाम दी।

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