बाल सम्प्रेक्षण गृह में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

बाल सम्प्रेक्षण गृह में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन




अयोध्या। बाल सम्प्रेक्षण गृह में गुरूवार को शिक्षा का महत्व विषय पर एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर उच्च न्यायालय इलाहाबाद के निर्देशानुसार गठित निरीक्षण समिति द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें शेल्टर होम और बाल सम्प्रेक्षण गृह का निरीक्षण भी किया गया। इस आयोजन में भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, ज्योत्सना मणि यदुवंशी, अपर सिविल जज (सी०डि०)/ए०सी०जे०एम०, अभिषेक सिंह, सिविल जज (जू०डि०)/जे०एम०, टाण्डा, और प्रभारी अधीक्षक बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या शामिल थे।



शिविर के दौरान भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिक्षा जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए एक अनिवार्य साधन है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति के आत्मविश्वास को विकसित करती है और उसके व्यक्तित्व निर्माण में सहायता करती है। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षा के विभिन्न स्तरों—प्राथमिक, माध्यमिक, और उच्च माध्यमिक शिक्षा—के महत्व पर भी चर्चा की और बताया कि जीवन में आत्मनिर्भर बनने और विभिन्न करियर के अवसरों को पाने के लिए शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है।


गुप्ता ने यह भी उल्लेख किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। शिक्षा से समाज में समानता की भावना का विकास होता है और यह देश के समग्र विकास में योगदान देती है।


शिविर के अंत में, भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता ने उपस्थित प्रतिभागियों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा प्रदान की जा रही विधिक सहायता के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि किसी को किसी भी प्रकार की विधिक सहायता या जानकारी चाहिए तो वे टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 15100 पर कॉल करके सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित एल०एस०एम०एस० पोर्टल के माध्यम से भी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया जा सकता है।


उन्होंने आगामी 14 दिसंबर 2024 को जनपद अम्बेडकरनगर में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी जानकारी दी और लोगों को इस अवसर का लाभ उठाने का आग्रह किया। शिविर के समापन पर 'नालसा थीम सॉन्ग' "एक मूठी आसमा पर हक्क हमारा भी तो है" चलाकर सुनाया गया, जिससे शिविर के संदेश को प्रभावी तरीके से व्यक्त किया गया।


शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या में की गई जांच में वहां की स्वच्छता, किशोर अपचारियों के खान-पान, स्वास्थ्य, शिक्षा और मनोरंजन के साधनों का निरीक्षण किया गया। समिति ने इन सभी पहलुओं पर गहराई से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।


निरीक्षण के दौरान, अपर जिला जज/सचिव भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता ने किशोर अपचारियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सभी अपचारियों के पास कानूनी सहायता के लिए अधिवक्ता मौजूद हैं। यदि किसी अपचारी के पास अधिवक्ता नहीं है, तो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देकर निःशुल्क अधिवक्ता की सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह कदम उनके लिए आवश्यक कानूनी सहायता प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन है।

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