अंबेडकरनगर: सफेद कोट पहनने वाला हर इंसान फरिश्ता नहीं होता, कभी-कभी उसकी आड़ में शैतान भी छिपा होता है। ऐसा ही मामला सामने आया जब एक किशोरी के इलाज के बहाने उसके साथ विश्वासघात करने वाले चिकित्साधिकारी का काला सच उजागर हुआ। प्यार और शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण करने वाले बेवाना सीएचसी के चिकित्साधिकारी डा. इंद्रेश यादव को आखिरकार निलंबित कर दिया गया।
अकबरपुर कस्बे की एक किशोरी, जो इलाज कराने के लिए बेवाना सीएचसी जाया करती थी, कभी नहीं सोच सकती थी कि जिस डॉक्टर को वह अपनी तकलीफें बताती थी, वही उसकी सबसे बड़ी तकलीफ बन जाएगा। इलाज के नाम पर शुरू हुई बातचीत धीरे-धीरे दोस्ती और फिर प्यार के झूठे दावों तक जा पहुंची। सफेद कोट में छिपे इस दरिंदे ने खुद को अविवाहित बताकर किशोरी का विश्वास जीता और उसे शादी का झांसा देकर अपने प्रेमजाल में फंसा लिया।
प्यार का नाटक कर डॉक्टर ने किशोरी को अपने गांव बबुरा सेमरी, सुलतानपुर तक ले जाकर शारीरिक शोषण किया। अंधे विश्वास में डूबी किशोरी को तब झटका लगा जब उसकी मां को इस काले सच का पता चला। मां ने आरोपी डॉक्टर पर शादी का दबाव बनाया, लेकिन तब जाकर डॉक्टर ने अपनी असली सच्चाई बताई—वह पहले से शादीशुदा था! यह सुनते ही किशोरी की दुनिया उजड़ गई।
ठगी गई किशोरी और उसकी मां ने अकबरपुर कोतवाली पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 2 फरवरी को आरोपी चिकित्साधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। मामले की गूंज स्वास्थ्य विभाग तक पहुंची, और तत्कालीन सीएमओ डा. राजकुमार ने शासन को रिपोर्ट भेजी। अंततः सरकार ने आरोपी डॉक्टर पर गाज गिराते हुए उसे निलंबित कर दिया।
प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सालिकराम पासवान ने निलंबन की पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। वहीं, पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी है।