मान गए खान साहब..............आपकी नजर 70 साल में भी बड़ी तीक्ष्ण और पारखी है...............। महिलाओं के अन्तः वस्त्रों का रंग सहज रूप से जान लेने में आपका कोई सानी नहीं है...........। जिसके बारे में यह जानकारी आपने रैली भीड़ को दिया वह आपको अपना बड़ा भाई मानती हैं..........ऐसा उन्होंने कई बार आपकी वाणी से आहत होकर अपना मलाल व्यक्त करते हुए कहा है। 57 वर्षीया जया प्रदा बॉलीवुड में ग्लैमरस स्टार के रूप में रह चुकी हैं........। आज भी उनका ग्लैमर कम नहीं हुआ है.....अपितु वह अब राजनैतिक क्षेत्र में भी अपना जलवा बिखेर रही हैं............और आप हैं रामपुर स्टेट घराने के दिग्गज, प्रभावशाली, नामवर, नामदार व विस्फोटक लीडर...........।
जनाब खान साहब हमें तो आपके वक्तब्य में कुछ अधूरापन लग रहा था.........हम सोच रहे थे कि आप अधोवस्त्रों के रंग के बारे में जब खुलासा करेंगे तो भगवा रंग का भी जिक्र अवश्य होगा........परन्तु आप तो अण्डर वियर तक ही सिमट गये.........। जिसका रंग खाकी बताया है.......। क्या नज़र है.............क्या अनुभव है............। महिलाओं के निजी अंग प्रत्यंग और परिधानों के बारे में आपका कथन बेजोड़ है..........। हम कौन होते हैं आप पर टिप्पणी करने वाले।
हम आपकी वकालत भी नहीं कर रहे। उन मोहतरमा की तरह जिन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा है कि आप एक यूनिवर्सिटी से बावस्ता हैं और पढ़े-लिखे इन्सान हैं। आपने अण्डर वियर का जिक्र किया है जो उनकी समझ से महिलाओं के अधोवस्त्र यानि अण्डर गारमेण्ट में नहीं आता। हो सकता है उन मोहतरमा का सम्बन्ध आपके राजनैतिक पार्टी से हो। रही बात अरसा 17 साल की तो बताना चाहेंगे कि 2004 से 2019 तक कुल 15 साल हुए हैं, रामपुर की सपा सांसद बनने के पूर्व चुनाव लड़ने की कवायद जयाप्रदा द्वारा 2004 के 2 वर्ष पूर्व से ही किया जाता रहा है। इस तरह कुल मिलाकर हो गए 17 साल। एक पढ़ा-लिखा दिग्गज नामवर, नामदार हस्ती वह भी जमींदार घराने से ताल्लुक रखने वाला कभी कोई छोटी-मोटी गलती नहीं करेगा। हम तो कहेंगे बड़े भाई खान साहब का कलकुलेशन एक दम सही और सटीक है।
यह आलेख लम्बा हो रहा है..............क्यों न हो दो दिग्गजों की जुबानी जंग की कहानी जो है................जितना कुछ लिखा जाए..........वह कम ही है। हम यह नहीं कहेंगे कि पूर्व की अपनी मुँह बोली बहन के अण्डर गारमेन्ट्स की बावत भाषण में टिप्पणी करके जनाब खान साहिब कोई गलती कर रहे हैं.............पढ़े लिखे, धाकड़, कद्दावर, नामवर, नामदार नेताओं के लिए यह सब कहना एक शगल सा बन गया है। अभी चुनावी माहौल है, रैलियों में ऐसा बहुत कुछ सुनने-पढ़ने व देखने को मिलेगा..............। जनाब आजम साहब अपने गठबन्धन के दिग्गजों के बारे में जरूर कुछ न कुछ ऐसी बयानबाजी करेंगे जिससे माहौल 40 डिग्री सेल्सियस के बजाय ब्वायलिंग प्वाइंट तक पहुँचेगा............ तो फिर थोड़ी से प्रतीक्षा..........थोड़ा इन्तजार..........।
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी