देव आनंद ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि जब विद्या में सुरैया के साथ उन्हें काम करने का मौका मिला था तो वो एक बड़ी अभिनेत्री थीं। जब फिल्म के सेट पर उन्होंने पहली बार देखा था तभी देव आनंद अपना दिल उन्हें दे बैठे थे। इसी के बाद दोनों के बीच का रिश्ता परवान चढ़ने लगा। देव आनंद और सुरैया के प्यार में विलेन थीं सुरैया की नानी, जिन्हें दोनों का रिश्ता मंजूर नहीं था। देव आनंद हिंदू थे और सुरैया मुस्लिम। सुरैया की नानी और घरवालों की नामंजूरी की वजह से सुरैया ने देव आनंद से शादी के लिए मना कर दिया। देव आनंद ने 3 दिसंबर 2011 को 88 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।
देव आनंद सिनेमाई पर्दे के वो बेमिसाल जादूगर थे जिन्होनें मुंबई की रंग बिरंगी दुनिया की माया कायम रखी। सदाबहार या एवरग्रीन जैसे उनके नाम के साथ ही जुड़ गया था। एक बार देव साहब ने कहा था, ‘मैं सिनेमा में सोता हूं, सिनेमा में जागता हूं और सिनेमा ही मेरी जिंदगी है। मैं मरते दम तक सिनेमा की वजह से ही जवान रहूंगा।‘ वे इसे साबित भी कर गए। उनके स्टारडम की कहानी भले ही ब्लैक एंड व्हाइट के दौर में शुरू हुई लेकिन उनकी ज़िंदगी में रंगों की कमी कभी नहीं रही।