जौनपुर। पिछले तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते जहां सारा आम व खास जनजीवन पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है, वहीं जगह-जगह जलजमाव की स्थिति हो गयी है। इतना ही नहीं, जनपद की गोमती, सई, पीली, बसुही, वरना नदी पूरे उफान पर आ गयी हैं। वैसे तो सभी नदियों का पानी अगल-बगल के गांवों में घुस गया है लेकिन गोमती नदी से सबसे अधिक खतरा है, क्योंकि यह नदी जौनपुर शहर के बीचों-बीच निकली है तथा किनारे के दोनों छोर पर बस्तियां हैं।
बता दें कि गुरूवार को 14 फुट रहने वाली नदी शुक्रवार को 17 फुट हो गयी तथा शनिवार को साढ़े 19 फुट हो गयी है। इसको लेकर नदी के किनारे रहने वाले परिवारों पर चिंता की लकीरें खींच गयी हैं। लोगों का कहना है कि यदि इस तरह गोमती नदी का जलस्तर बढ़ता गया तो स्थिति और भयावह हो जायेगी।
बताते चलें कि जौनपुर में वर्ष 1950 में जबर्दस्त बाढ़ आयी थी जिसमें समूचा शहर डूबा हुआ था। इसके बाद वर्ष 1970 एवं 1980 की बाढ़ भी कम तबाही नहीं मचायी थी जिसके बाद वर्ष 1985 में हल्की बाढ़ आने के बाद अभी तक बाढ़ जैसी स्थिति कभी नहीं बनी। इस बार के लगातार बारिश से गोमती सहित अन्य नदियों के बढ़ते जलस्तर ने आम व खास लोगों के साथ शासन-प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया है।