शिविर में बोलते हुये श्री टी0एन0 द्विवेदी, प्रतिसार निरीक्षक, पुलिस लाइन्स, अम्बेडकरनगर ने बताया कि किशोर अपराधियों को विशेष सुविधा देने और न्याय की उचित प्रणाली अपनाने के लिये किशोर-अधिनियम बनाए गए है। भारत मे बच्चों की सुरक्षा के लिए 20वीं सदी की दूसरी दशाब्दी में कई कानून बनें सन् 1860 में भारतीय दण्ड संहिता के भाग 399 व 562 में बाल अपराधियों को जेल के स्थान पर रिफोमेट्रीज में भेजने का प्रावधान किया गया। दण्ड विधान के इतिहास में पहली बार यह स्वीकार किया कि बच्चों को दण्ड देने के बजाच उनमें सुधार किया जाए एवं उन्हें युवा अपराधियों से पृथक रखा जाए।
शिविर का संचालन श्रीमती रूकमणि वर्मा, क्षेत्राधिकारी भीटी द्वारा किया गया। इस शिविर में राजीव सिंह, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, श्रीमती आशा सिंह, गुड्डू राम, नीरज कुमार, शिव कुमार, संजय कुमार सिंह, रमेश शुक्ल, जयकरन सिंह, नरसिंह, रणजीत सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, पवन कुमार, मनोज सिंह, दिनेश चन्द्र मिश्र, राहुल कुमार सिंह, अनुराग मौर्य, आदित्य मौर्य, अजयदीप सिंह, अमित कुमार वर्मा, सौरभ कुमार, इशरतुल्लाह, रिम्पु कुमार तथा पुलिस लाईन के कर्मचारीगण एवं मीडियाकर्मी आदि उपस्थित थे।