- टी.एस.आई. और अन्य यातायात कर्मी इनके हाथों की कठपुतली
- दीवान विवेकानन्द यादव के पास है लाखों रूपए अवैध वसूली की सूची
- टी.एस.आई. के लिए विवेकानन्द बहुत बड़ी मजबूरी
अम्बेडकरनगर। पुलिस महकमा के यातायात सेल में प्रमुख पदों पर तैनात पुलिस कर्मियों की चर्चा सोशल मीडिया पर आये दिन होती रहती है। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब यातायात अव्यवस्था के चलते शहर में उत्पन्न जाम की स्थिति से सम्बन्धित खबर के साथ इन कर्मचारियों का जिक्र न होता हो। सोशल मीडिया पर सक्रिय प्रिन्ट, इलेक्ट्रॉनिक एवं वेब मीडिया के पत्रकारों द्वारा वायरल किये जा रहे शहर में जाम की समस्या आम से सम्बन्धित खबरों में इस समय जहाँ टी.एस.आई. की अक्षमता का जिक्र रहता है वहीं जिला मुख्यालयी शहर अकबरपुर/शहजादपुर के यातायात व्यवस्था के लचर होने के पीछे यातायात प्रभारी के वाहन चालक के साथ ही अन्य आरक्षियों को भी जिम्मेदार ठहराया जाता है।
दोनों उपनगरों में जाम की समस्या से कराह रहे लोगों की पीड़ा का जिक्र पत्रकारों द्वारा प्रमुखता से किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर सक्रिय पत्रकारों द्वारा यह आरोप लगाया जाता है कि यातायात प्रभारी अकबरपुर/शहजादपुर की सड़कों पर यातायात व्यवस्थित करने के लिए कम रूचि लेते हैं। इनका अधिकांश समय दोनों शहरों के बाहर से गुजरने वाली हाइवे सड़क मार्ग पर चलने वाले बड़े वाहनों की चेकिंग कर धनउगाही करने में ही बीतता है। सोशल मीडिया के पत्रकारो ने स्पष्ट जिक्र किया है कि टीएसआई शिव दीपक सिंह अपने विभागीय वाहन के चालक हेड कांस्टेबिल विवेकानन्द यादव के साथ शहर की सड़क पर कम हाईवे पर ज्यादा समय देते हैं।
इन पत्रकारों के अनुसार विवेकानन्द यादव जैसे यातायात हेड कांस्टेबिल द्वारा पूरे जिले की यातायात व्यवस्था में लगे यातायात पुलिस कर्मचारियों का नियंत्रण किया जाता है। टी.एस.आई. का पद कहने मात्र के लिए है। अवैध रूप से संचालित वाहनों की सूची दीवान/वाहन चालक विवेकानन्द यादव के पास रहती है, जिसके अनुसार यातायात व्यवस्था में लगे जिम्मेदारों द्वारा धन वसूली की जाती है। इन्हीं के कहने पर चौक चौराहों पर तैनात यातायात कर्मचारी मात्र चालानी कार्रवाई में ही व्यस्त देखे जाते हैं। यही नहीं कई स्थानों पर तो ट्रैफिक कर्मियों के दर्शन ही नहीं होते। वे लोग गायब रहते हैं। चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली का आरोप भी बराबर लगता रहता है।
वायरल होने वाली खबरों और उस पर होने वाली चर्चाओं में कहा जाता है कि आखिर ऐसी क्या आकस्मिकता होती है कि अकबरपुर-शहजादपुर शहरों को छोड़कर यातायात विभाग नेशनल हाईवे पर चेकिंग करता है। कई ट्रान्सपोर्टरो के अनुसार यह पता चला है कि टी.एस.आई. के विभागीय वाहन चालक दीवान विवेकानन्द यादव के पास जिले में संचालित होने वाले सभी प्रकार के वाहनों से प्राप्त होने वाली मासिक सुविधा-शुल्क की सूची मौजूद रहती है। यही कारण है कि यहाँ जो भी यातायात प्रभारी तैनात होता है उसके लिए मुख्य आरक्षी/वाहन चालक विवेकानन्द यादव को साथ रखना मजबूरी बन जाती है।
सूत्रों से पता चला है कि विवेकानन्द यादव जो टी.एस.आई. का वाहन चालक हैं उन्हें बीते माह प्रोन्नति मिली है और अब मुख्य आरक्षी हो गये हैं। मुख्य आरक्षी पद पर प्रोन्नति प्राप्त विवेकानन्द यादव अब भी क्यों टी.एस.आई. के सरकारी वाहन का चालक बने हैं यह और भी चर्चा का विषय है। लोग कहते हैं कि इन्हें मुख्य आरक्षी पद की गरिमा को ध्यान में रखना चाहिए। तथा कार्यालय में तैनात होकर यातायात सेल के कार्यों का सम्पादन करना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार यातायात विभाग द्वारा लाखों की अवैध वसूली किया जाना आम बात है। इसके सूत्रधार विवेकानन्द यादव ही हैं। इन्हीं के अनुसार वाहनों से मासिक और अवैध वसूली कराई जाती है। यही कारण है कि यातायात की व्यवस्था अपेक्षित रूप से चुस्त और दुरूस्त नहीं हो पा रही है। मुख्यालयी शहर अकबरपुर, शहजादपुर के प्रमुख स्थानों, चौक-चौराहों पर तैनात किए जाने वाले ट्रैफिक कर्मी यातायात व्यवस्था पर कम अवैध वसूली पर अपना ध्यान ज्यादा केन्द्रित किए हुए हैं।
हमने जब-जब दीवान विवेकानन्द यादव और टी.एस.आई. शिव दीपक सिंह से दूरभाषीय सम्पर्क कर वायरल खबरों में लगे आरोपों के बारे में जानना चाहा तो कभी भी बात सम्भव नहीं हो पाई। जबकि सोशल मीडिया में इस बात का जिक्र है कि अवैध वसूली, चालानी कार्रवाई के अलावा ट्रैफिक कर्मी अपने-अपने मोबाइल सेटों पर ही बिजी रहते हैं। कुल मिलाकर लब्बो-लुआब यह कि अम्बेडकरनगर पुलिस महकमा का यातायात सेल हेड कांस्टेबिल/ वाहन चालक विवेकानन्द यादव के इशारों पर ही चल रहा है। टी.एस.आई. और अन्य यातायात कर्मी इनके हाथों की कठपुतली कहे जाते हैं।