क्या है इस मर्ज का इलाज...!!

क्या है इस मर्ज का इलाज...!!

 - दीपक कुमार दासगुप्ता




हमारे देश भारत की लाइफ लाइन है रेलवे । लेकिन पिछले कुछ वर्षों से रेलवे से जुड़ी तमाम नकारात्मक खबरें लगातार सुनने पढ़ने को मिल रही हैं ।कभी कोई छोटी या बड़ी दुर्घटना तो कभी यात्रियों को परेशान करने वाली घटनाएँ । शुक्रवार को हावड़ा स्टेशन में हावड़ा - न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय के बावजूद करीब 1 घंटे तक प्लेटफार्म से रवाना ही ना हो सकी । 


तकनीक कारण बताकर रेलवे ने इस ट्रेन को रद्द कर दिया। यह घटना बताती है कि रेलवे को अपनी गिरफ्त में ले चुका मर्ज काफी गहरा और गंभीर है। इसका समुचित इलाज ना होने पर खामियाजा लंबे समय तक यात्रियों को भुगतना पड़ सकता है।


 दरअसल सच्चाई यह है कि रेल महकमे में लंबे समय से परिचालन और रखरखाव विभाग में कर्मचारियों की घोर कमी है ।जिसकी और उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हर साल बड़ी संख्या में रेल कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं। लेकिन उनके स्थान पर नई नियुक्तियां नहीं हो रही है ।इसके फलस्वरूप कार्यरत कर्मचारियों पर काम का बोझ लगातार बढ़ रहा है।


पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की उपलब्धता के बगैर इस समस्या का निदान मुश्किल ही है। इसलिए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से अनुरोध है कि वे अविलंब सभी विभागों में नियुक्तियों की व्यवस्था करें , जिससे परिचालन और रखरखाव की समुचित व्यवस्था की जा सके।


लेखक समाजसेवी हैं और पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं।

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