राहुल गांधी ने महिला आरक्षण में बताई दो कमियां, बोले- यह जातीय जनगणना से ध्यान हटाने की कोशिश

राहुल गांधी ने महिला आरक्षण में बताई दो कमियां, बोले- यह जातीय जनगणना से ध्यान हटाने की कोशिश

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण विधेयक की कमियां गिनाईं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार जातीय जनगणना से ध्यान हटाना चाहती है।




बता दें कि महिला आरक्षण विधेयक नारी शक्ति वंदन अधिनियम लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया है। इस आरक्षण के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। हालांकि इसे लागू होने में अभी कई साल लगेंगे क्योंकि पहले जनगणना होगी और जनगणना के बाद सीटों का परिसीमन होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह संभव नहीं है तो हो सकता है कि 2029 के लोकसभा चुनाव में ही यह आरक्षण लागू हो सके। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस विधेयक को अधूरा बताते हुए इसमें ओबीसी आरक्षण को शामिल करने की मांग की। राहुल गांधी ने कहा कि बिल को लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन की जरूरत नहीं है और इस बिल को तुरंत लागू किया जाना चाहिए। 


कांग्रेस नेता ने कहा कि 'सदन में महिला आरक्षण बिल लाया गया। बिल में दो चीज़ें संबंधित पाई गईं जिनमें एक की महिला आरक्षण से पहले जनगणना होगी और दूसरा परिसीमन करना होगा और इन दोनों को करने के लिए कई साल लगेंगे। महिला आरक्षण आज किया जा सकता है लेकिन सरकार यह करना नहीं चाहती है। सच्चाई यह है कि यह आज से 10 साल के बाद लागू होगा। डाइवर्जन OBC सेंसस से हो रहा है।'


राहुल गांधी ने मांग की है कि महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी आरक्षण को लागू किया जाए। उन्होंने सवाल करते पूछा कि देश को चलाने वाले संस्थान, संसद में कैबिनेट सचिव और सचिव सरकार चलाते हैं, मैंने पूछा कि 90 में से सिर्फ तीन अधिकारी ही क्यों ओबीसी वर्ग से हैं! पीएम मोदी हर दिन ओबीसी की बात करते हैं लेकिन उन्होंने ओबीसी वर्ग के लिए क्या किया है?  राहुल गांधी ने कहा कि आप किस चीज से ध्यान भटकाना चाहते हैं? ओबीसी गणना से।

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