बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत से की सरकारी अफसरों की तुलना

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत से की सरकारी अफसरों की तुलना

पीलीभीत पहुंचे बीजेपी फायर ब्रांड नेता सासंद वरुण गांधी ने दो दर्जन से अधिक गांव में जनसभाओं को संबोधित कर कहा ये पीलीभीत की पहचान मेनका, वरुण गांधी से है.




बीजेपी सांसद वरुण गांधी एक बार फिर से अपनी ही सरकार के सिस्टम पर तंज कसते हुए नजर आए हैं. बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार में बैठे अफसरों की ब्रिटिश मशीनरी हुकूमत से तुलना की है. बीजेपी सांसद ने कहा आजाद देश मे गुलामों की तरह जनता को अपने काम करवाने के लिए अफसरों से जी हुजूर साहब करके संबोधित करना पड़ता है. आखिर जनता के पैसे से तनख्वाह लेने वाले अफसरों की जी हुजूरी क्यों जनता के आत्म सम्मान से समझौता नहीं होने देंगे.


पीलीभीत पहुंचे बीजेपी फायर ब्रांड नेता सासंद वरुण गांधी ने दो दर्जन से अधिक गांव में जनसभाओं को संबोधित कर कहा ये पीलीभीत की पहचान मेनका, वरुण गांधी से है. पीलीभीत से हमारी पहचान मैं ये हमारा परिवार जिगर का टुकड़ा है और मैं आपसे यह वादा करता हूं कि जब तक मैं और मेरी माँ का गांधी परिवार रहेगा तब तक चाहे हमको झुकना पड़े, हम आपको कभी झुकने नहीं देंगे. वरुण गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत की तुलना सरकारी मशीनों से कर दी, उन्होंने कहा कि आज भी जिस तरह अंग्रेजों के टाइम हम गुलामी महसूस करते थे और हाथ जोड़कर दबे लफ्जों में अधिकारियों से बात करते थे आज भी वही सिस्टम चल रहा है और आज भी लोग अपनी बात को अधिकारियों के सामने रखने से घबराते हैं. यही नहीं अधिकारियों के सामने जाने के बाद आपको जी हुजूर साहब जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना पड़ता है.


इसके साथ ही उन्होंने सरकारी शिक्षा पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि आज देश में बहुत बेरोजगारी है. उसकी वजह यह है कि लोग अच्छे स्कूलों में अपने बच्चों को नहीं पढ़ पा रहे हैं. सरकारी स्कूलों से संतुष्टि कर ले रहे हैं जिसके चलते उन्हें बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ रहा है. क्योंकि उन्हें अच्छी नौकरी नहीं मिल पा रही है, वरुण गांधी ने कहा कि वह दो हिंदुस्तान नहीं देख सकते एक हिंदुस्तान जिसमें संपन्न लोग निवास करते हैं और दूसरा हिंदुस्तान जिसमें गरीब लोग निवास करते हैं उन्हें संघर्ष करना पड़ता है. वरुण गांधी ने जनसभा संबोधन के दौरान कहा की वर्तमान राजनीति में शरीफ लोगों का हिस्सा काम होता जा रहा है. जो लोग राजनीति में आ रहे हैं उनकी सोच कहीं ना कहीं स्वार्थी है. वह सोचते हैं कि उनका फायदा हो और उन्हें अपनी पहचान बने राजनीति में क्रांति का प्रचलन कम होता जा रहा है. आज कोई बड़ी सोच लेकर राजनीति में नहीं जाना चाहता. 


वरुण गांधी ने आर्थिक रूप से टूट रहे किसानों और युवाओं को लेकर लोन सिस्टम पर भी सवाल खड़े किए. वरुण गांधी ने कहा मैं किसी एक दलीय व्यक्ति की बात नहीं कर रहा हूं लेकिन जब हर चीज में जंग लग जाता है तो हर चीज का हिसाब किताब वही होता है. आज आप देखिए लोन की अगर बात करें तो इस गांव में मान लीजिए कोई व्यक्ति लोन लेने जाता है तो कितनी मुश्किल से दो चार लाख का लोन मिलता है. ज्यादातर तो मिलता ही नहीं अगर मिले और अगर आप एक दिन भी लेट हो गए तो वापस करने में तो धमकी पर धमकी और कुर्की कर देंगे सड़क पर ले आएंगे. आपका अपमान करते हैं और बड़े पूंजी पति लोगों के दूसरे हिसाब किताब से 10 हजार करोड़ का लोन ले रहे हैं और कोई 20 हजार करोड़ ले रहा है. कहां ले जा रहे हैं कहां से आता है कहां जाता है जब हम देखते हैं कि रोजगार की बात दिल्ली मुंबई के लड़कों को रोजगार मिल रहा है और इस गांव के लोगों को रोजगार कब मिलेगा. 


वरुण गांधी ने कहा भाइयों एक हिंदुस्तान में दो हिंदुस्तान नहीं होने चाहिए एक हिंदुस्तान जो आगे गति से बढ़ रहा है. पैसे वाला हिंदुस्तान सपनों से भारत हिंदुस्तान आत्मसम्मान से भारत हिंदुस्तान दूसरा हिंदुस्तान जो पीछे रह जाए. जिसमें लोगों के सपने टूटे जिसमें लोग बच्चों का संघर्ष निरंतर चलता रहे. वरुण गांधी की लड़ाई दोनों हिंदुस्तानों के बीच सेतु का काम करेगी ताकि आप सारे लोग जो बात किसी वजह को उठा नहीं पाए. अपनी बात रख नहीं पाए आपकी आवाज सीमित रह जाती है उसको मैं उठाने का काम कर रहा हूं.

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