सीएम योगी ने अयोध्या में 'मिशन महिला सारथी' के तहत 51 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई. ये बसें प्रदेश के अलग-अलग शहरों में दौडेंगी. इन बसों की ड्राइवर और कंडक्टर महिलाएं ही होंगी.
पूरे देश में नवरात्र के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा आराधना की जा रही है. अष्टमी तिथि पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है. रविवार को अयोध्या पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने 'मिशन महिला सारथी' का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने 51 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई.
मिशन महिला सारथी का उद्घाटन करते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग को राज्य में परिवहन की रीढ़ माना जाता है. चाहे गांव हो या शहर, लोग बसों से यात्रा करते थे. अब एयरपोर्ट की तर्ज पर बस स्टेशन बनाए जाएंगे. इस पर काम शुरू हो गया है. अब हम इलेक्ट्रिक बसों की ओर भी जा रहे हैं." सीएम ने कहा कि एक इलेक्ट्रिक बस की खरीद के लिए 20 लाख रुपये तक की सहायता सरकार उपलब्ध कराएगी.
सीएम योगी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जहां नारी का सम्मान होगा, उनकी गरिमा की रक्षा होगी, वह स्वावलंबी होंगी, वह समाज सशक्त व आत्मनिर्भर होगा और सर्वांगीण विकास की बुलंदियों को छूता हुआ दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों से कोई प्रदूषण नहीं होता है, आवाज भी नहीं होती है. यानी तकनीक का उपयोग करके हम जीवन में बहुत कुछ परिवर्तन कर सकते हैं.
एक महिला बस कंडक्टर का कहना है, "यह बहुत अच्छी पहल है. अच्छा लगता है कि अब हमारे साथ महिला ड्राइवर भी होंगी. महिलाओं ने अब हर क्षेत्र में प्रगति की है." एक अन्य महिला बस ड्राइवर ने कहा, "मैं सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देना चाहूंगी. उन्होंने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है. मैं चाहती हूं कि हमारी सभी बहनें अपना डर त्यागें और आगे बढ़ें." बता दें कि, सीएम योगी ने जिन 51 बसों को रवाना किया है वे प्रदेश के अलग-अलग शहरों में दौड़ेंगी. खास बात ये है कि इन बसों की ड्राइवर और कंडक्टर महिलाएं ही होंगी.
योगी आदित्यनाथ ने जनपद लखनऊ स्थित इकाना क्रिकेट स्टेडियम के पास 23 करोड़ की लागत से बनने वाले देश के पहले नौसेना शौर्य संग्रहालय का भूमि पूजन और शिलान्यास भी किया. सीएम योगी ने कहा कि नौसेना संग्रहालय के पास ही सेना में शहीद हुए प्रदेश के जवानों, अलग-अलग राज्यों में कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए शहीद हुए सुरक्षाबलों के जवानों के लिए एक स्मारक बनाया जाएगा.