कांग्रेस-सपा की तकरार पर संजय निषाद का तंज, बोले- ये दल एक-दूसरे के खून के प्यासे

कांग्रेस-सपा की तकरार पर संजय निषाद का तंज, बोले- ये दल एक-दूसरे के खून के प्यासे

यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने इंडिया गठबंधन पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि गठबंधन में सभी पार्टियां एक दूसरे के खून की प्यासी हैं.




देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं. इन चुनावों को लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को हराने के लिए बने विपक्षी दलों के गठबंधन में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को सीट नहीं दिए जाने और सपा के प्रत्याशियों के सामने कांग्रेस के अपने प्रत्याशी उतारने के कारण दरार पड़ती नजर आ रही है. इसे लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है. इसी क्रम में एनडीए गठबंधन में शामिल निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने इंडिया गठबंधन पर निशाना साधा है.


दरअसल इन दिनों समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने जनसभा में संबोधन के दौरान बीजेपी के साथ ही कांग्रेस को निशाना बनाया है और कांग्रेस पार्टी को धोखेबाज तक बता दिया है. ऐसे में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद का कहना है कि विपक्षी पार्टियों ने यह साबित कर दिया है कि भारत में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने लड़ने वाला अभी कोई उम्मीदवार ही नहीं है. 


उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने बैठकें शुरू की थी, मैंने उसी समय कह दिया था कि बहुते जोगी मठ उजाड़ हैं. इन लोगों ने साबित कर दिया है कि देश में पीएम मोदी के सामने कोई और लड़ने वाला नहीं है. यह सभी लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं. यह दल तो अखबारों और टीवी में एक जगह दिखते रहे, लेकिन दिल एक-दूसरे के विरोध में रहे. 


डॉ संजय निषाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी नीति षड़यंत्रकारी और रवैया उपेक्षात्मक रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की षड़यंत्रकारी और उपेक्षात्मक रवैये के कारण उसका खामियाजा समाजवादी पार्टी को भुगतना पड़ रहा है. समाजवादी पार्टी पहले भी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर उसका नुकसान सह चुकी है. वह चाहे तो एक बार फिर से कांग्रेस के हाथों धोखा खा सकती है. ये बिना दूल्हे की बारात है और यही कारण है कि 45 पार्टियों ने मोदी जी के साथ जाने का फैसला किया है.

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