एआरटीओ सत्येंद्र सहित 4 पर एफआईआर

एआरटीओ सत्येंद्र सहित 4 पर एफआईआर

जिले के ए आर टी ओ के खिलाफ आजमगढ़ जिले में मुकद्दमा कायम होने की खबर से यहां परिवहन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। बीते महीने यहां ए आर टी ओ रहे वी डी  मिश्र का ट्रांसफर आजमगढ़ हो गया था। मिश्रा के स्थान पर आजमगढ़ से तबादले पर आकर सत्येंद्र सिंह यादव ने यहां के ए आर टी ओ की कुर्सी संभाला था। 


यहां आने के बाद श्री यादव ने विभाग के सभी कर्मियों को टाइट किया था। तब ही इनका सख्त मिजाज परिलक्षित हुआ था। अब जब इनके खिलाफ आजमगढ़ के सिधारी थाना में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ और खबर मीडिया में प्रसारित (वायरल ) होने लगी तब परिवहन महकमा में हड़कंप मच गया। इस बाबत ए आर टी ओ सत्येंद्र सिंह यादव से सीयूजी नंबर पर प्रयास किया गया तो बात संभव नहीं हो पाई।





आजमगढ़ जिले के सिधारी थाने में एआरटीओ सत्येंद्र सिंह यादव, यात्री कर अधिकारी राजेश कुशवाहा सहित चार आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। न्यायालय के निर्देश पर दर्ज हुए मुकदमे में पीड़ित अधिवक्ता विपिन कुमार सिंह ने आरोप लगाया है।


आरोप है कि आजमगढ़ जिले में तैनात रहे एआरटीओ प्रशासन सत्येंद्र यादव और यात्री कर अधिकारी राजेश कुशवाहा के पास जब अपने मुवक्किल कि न्यायालय से चलानी रिपोर्ट लेने गये तो यात्री कर अधिकारी राजेश कुशवाहा ने इसके लिए 5000 की मांग की। इसके साथ ही यात्री कर अधिकारी राजेश कुशवाहा ने इस बात की भी धमकी दी कि पैसा ना देने की दशा में आरटीओ कार्यालय के चक्कर काटना पड़ेगा।


आजमगढ़ जिले में एआरटीओ पद पर तैनात रहे सत्येंद्र यादव से जब इस मामले की शिकायत की गई तो यात्री कर अधिकारी राजेश कुशवाहा ने मां बहन की गाली देते हुए अधिवक्ता बिपिन सिंह के साथ मारपीट करने लगे।आरोप है कि इस मारपीट में यात्री कर अधिकारी के साथ एआरटीओ प्रशासन सत्येंद्र कुमार सिंह यादव और उनके दो और सहयोगी थे।अधिकारियों द्वारा की गई इस मारपीट से अधिवक्ता के बाएं कान का पर्दा फट गया जिसके कारण उसे सुनाई भी कम देने लगा है।


इस मामले में पीड़ित अधिवक्ता बिपिन सिंह ने न्यायालय से गुहार लगाई. पीड़ित अधिवक्ता का कहना है कि पूरा मामला 25 फरवरी 2021 का है।न्यायालय के निर्देश पर आजमगढ़ जिले के सिधारी थाने में एआरटीओ सत्येंद्र यादव, यात्री कर अधिकारी राजेश कुमार कुशवाहा सहित चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. वहीं पीड़ित अधिवक्ता का कहना है कि आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये।

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