एक प्रेमी युवक को हिरासत में कई दिन तक रखना। बगैर कोई मुकदमा दर्ज किए लॉकअप में रखना। सक्षम मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत न करना। किसकी तहरीर पर एन सी आर / एफ आई आर न लिखना। मौखिक रूप से याराना में किसी के कहने पर थाने के लॉकअप में रखना....आदि चूक एक साथ नहीं हो सकती है।युवक का कसूर इतना भर था कि वह किसी युवती से प्यार करता है और शादी कर घर बसाना चाहता है।
जी हां। यह मामला उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिला के थाना अहिरौली का है। जो आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। मीडिया की सुर्खियों में है। एक युवक को मजबूरन पुलिस चंगुल से भाग कर हाइ टेंशन बिजली के पोल पर चढ़ कर मीडिया को बुलाना पड़ा। मीडिया के आने पर ए एस पी के समझने बुझाने और हस्तक्षेप पर युवक शांत हुआ। वह बिली का पोल से उतर आया। तब कई घंटा तक चले ड्रामा का पटाक्षेप हुआ।और नयुवक प्रेमी ने सूइसाइड का इरादा बदला।
उधर जब बगैर किसी गुनाह के पुलिस द्वारा इस नवयुवक प्रेमी को कई दिनों तक लॉकअप में रखने का मामला पुलिस कप्तान के संज्ञान में पहुंचा, तब पुलिस जनों को विभागीय दंड के रूप में निलंबन का सामना करना पड़ा। एस पी डा कौस्तुभ ने अहिरौली थाना के आधा दर्जन पुलिस जनों को निलंबित कर दिया।
अम्बेडकरनगर। पुलिस कप्तान डॉ कौस्तुभ ने अहिरौली थाना पर तैनात आधा दर्जन पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर दिया है। पुलिस कर्मियों पर आरोप था कि एक प्रेमी युवक को कई दिनों तक थाना के लॉकअप में रखा गया था जो बुधवार की सुबह पुलिस हिरासत से फरार होकर बिजली के हाईटेंशन तार वाले खम्बे पर जाकर बैठ गया और मीडिया को बुलाने की मांग करने लगा था।
नियमानुसार पुलिस अगर किसी को भी हिरासत में लेने के मात्र 24 घण्टा के अंदर सक्षम मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना चाहिए लेकिन अहिरौली पुलिस ने प्रेमी युवक को हिरासत में लेकर कई दिनों तक बैठाए रखा था और बुधवार की सुबह पुलिस कर्मी जब युवक को शौच कराने ले जा रहे थे तो युवक मौका देखकर फरार हो गया था। प्रेमी युवक ने मीडिया बुलाने की मांग किया और जब मीडिया पहुंची तो पूरी हकीकत सामने आई। एडिशनल एसपी विशाल पांडेय मौके पर पहुंच कर प्रेमिका को भी बुलवाया और युवक को समझा बुझा कर नीचे उतारा। उक्त पूरे प्रकरण की जानकारी होने पर पुलिस कप्तान डॉ कौस्तुभ ने आधा दर्जन पुलिस कर्मियों को निलंबित करते हुए जांच बैठा दिया है।