महंगाई से टमाटर लाल, और तीखी हुई मिर्च

महंगाई से टमाटर लाल, और तीखी हुई मिर्च



अंबेडकरनगर।  एक बार फिर सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है। टमाटर, हरी मिर्च से लेकर आलू तक के दाम बढ़ गए हैं। इससे गरीब और मध्य वर्गीय परिवारों के किचन का बजट बिगड़ गया है। सभी सब्जियों की कीमतों में औसतन 25 फीसदी इजाफा हुआ है।


सब्जियों के तेजी से बढ़ रहे दाम का प्रतिकूल प्रभाव गृहिणियों के किचन पर भी पड़ा है। खाने की थाली में सब्जियों की संख्या कम होने लगी है। बीते एक सप्ताह में सब्जियों के दाम में तेजी से उछाल आया है। सब्जियों के दाम 25 प्रतिशत बढ़ गए हैं। मध्यम वर्ग पहले से ही महंगाई का दंश झेल रहा था। अब सब्जियों के दाम ने लोगों की मुसीबतें और बढ़ा दी है।


सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि आलू का दाम 25 दाम 60 से बढ़कर 100 रुपये किलो पहुंच गया है। एक सप्ताह पहले 25 रुपये किलो बिकने वाला प्याज अब 50 रुपये में बिक रहा है। टमाटर के दाम 20 रुपये से बढ़कर 50 रुपये, भिंडी 10 से बढ़कर 40 रुपये किलो और नेनुआ 15 रुपये से बढ़कर 40 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। सरपुतिया 40 से बढ़कर 60 रुपये, परवल 30 से बढ़कर 60 रुपये, अरुई 60 से 80 रुपये, 20 रुपये में बिकने वाला कदू 40 रुपये, लोभिया 60 से बढ़कर 100 रुपये, बैगन 80 रुपये किलो हो गया है। अन्य सब्जियों के दाम में भी वृद्धि हुई है।


उधर सब्जी के थोक विक्रेताओं का कहना है कि हरी सब्जियों के दाम बढ़ने की मुख्य वजह बारिश में पैदा होने वालीहरी सब्जियों का खराब होना है। बाजार में सब्जियों की आवक कम होने से भी दाम में तेजी देखने को मिल रही है।


गृहिणियों का कहना है कि लगातार बढ़ रहे सब्जियों के दाम से रसोई घर का बजट बिगड़ गया है। बजट को संतुलित करने के लिए थाली में सब्जियों की संख्या कम करनी पड़ रही है। यदि ऐसे ही दाम में वृद्धि होती रही तो आर्थिक मुश्किल खड़ी हो जाएगी।आलू का दाम बढ़ने से मुश्किलें बढ़ गई हैं। हरी मिर्च व टमाटर के दाम ने सब्जी का जायका खराब कर दिया है।

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