परिवहन बसों में फर्स्ट एड बॉक्स बेमानी, उपलब्ध नहीं जरूरी दवाएं

परिवहन बसों में फर्स्ट एड बॉक्स बेमानी, उपलब्ध नहीं जरूरी दवाएं




अम्बेडकरनगर। सड़क पर दौड़ रहीं परिवहन निगम की ज्यादातर बसों में या तो प्रथम उपचार बॉक्स ही नहीं है या जिनमें है भी तो उसमें जरूरी दवाएं ही नहीं हैं। ऐसे में चलती बस में किसी यात्री की तबीयत बिगड़ जाए तो उसे प्राथमिक उपचार न मिलने पर उसकी मुश्किल बढ़ सकती है। इसे लेकर शिकायतें भी सामने आती रही हैं, लेकिन जिम्मेदार यात्रियों के स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रहे।


यात्रियों के स्वास्थ्य को देखते हुए सभी बसों में प्रथम उपचार बाॅक्स (फर्स्ट एड बॉक्स) की उपलब्धता के निर्देश हैं। यह बाॅक्स चालक सीट के पीछे लगाए जाते हैं। इन बॉक्स में बुखार, दर्द, रुई, पट्टी समेत कई अन्य प्रकार की दवाएं रखे जाने के निर्देश हैं। ऐसा इसलिए कि चलती बस में किसी यात्री की तबीयत बिगड़ती है तो उसे तत्काल प्रथम उपचार की सुविधा दी जा सके।


तमाम निर्देश के बावजूद परिवहन निगम की बसों में इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने को जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं। मालूम हो कि अकबरपुर बस स्टेशन के बेड़े में 70 बसें हैं। इसमें दो दर्जन से अधिक ऐसी बसें हैं, जिनमें प्रथम उपचार बॉक्स या तो है ही नहीं या फिर उसमें जरूरी दवाएं ही नहीं हैं।



कई बस यात्रियों ने  कहा कि किराया तो लगातार बढ़ रहा है, लेकिन सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं। प्रथम उपचार बॉक्स में सभी जरूरी दवाएं होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। 



अकबरपुर डिपो के अधिकारी दावा करते हैं कि ज्यादातर बसों में प्रथम उपचार बॉक्स के साथ ही उसमें सभी जरूरी दवाएं उपलब्ध हैं। जिन बसों में प्रथम उपचार बॉक्स नहीं है, उसमें चालक व परिचालक के पास सभी जरूरी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहती है। उत्तर प्रदेश परिवहन की बसों की हालत  देखने से इनका दावा झूठा सावित हो रहा है।-- सत्यम सिंह, रेनबो न्यूज

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