अंबेडकरनगर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ताराखुर्द में प्रसव के बाद महिला की मौत के मामले में स्थानीय ग्रामीणों और परिजनों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। घटना के बाद मंगलवार सुबह महिला की मौत से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने ताराखुर्द नेमपुर मुख्य मार्ग जाम कर दिया।
मृतक महिला की पहचान
घटना बेवाना थाना क्षेत्र के कुढ़ा मोहम्मदगढ़ निवासी दिलीप की पत्नी, 35 वर्षीय प्रभावती के रूप में की गई है। दिलीप ने सोमवार शाम को अपनी गर्भवती पत्नी को मालीपुर थाना क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ताराखुर्द में भर्ती कराया था।
प्रसव के बाद बिगड़ी हालत
सोमवार देर शाम को प्रभावती ने सामान्य प्रसव के बाद एक पुत्र को जन्म दिया। परिजनों का आरोप है कि प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण प्रभावती की हालत बिगड़ गई थी। उन्होंने चिकित्सा स्टाफ से समुचित इलाज की मांग की, लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज किया गया। मंगलवार सुबह महिला को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।
ग्रामीणों का आक्रोश
प्रभावती की मौत के बाद नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने ताराखुर्द नेमपुर मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंची मालीपुर पुलिस ने समझा बुझाकर मामला शांत कराया, लेकिन परिजन शव के साथ मार्ग पर डटे रहे और चिकित्सक व कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने तहरीर के आधार पर चिकित्सक डॉ. रामभरत, स्टाफ नर्स संध्या पांडेय, वार्ड ब्वाय रामचंद्र और आशा सविता के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
जांच का आदेश
जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजकुमार ने पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। अपर सीएमओ डॉ. रामानंद सिद्धार्थ और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. मारकंडेय को मामले की जांच सौंपी गई है। दोनों अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी है।
आरोपियों की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग
ग्रामीणों और परिजनों ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग पर जोर दिया। देर शाम तक पीएचसी के निकट प्रदर्शन जारी रहा, जिससे यातायात बाधित रहा।
इस घटना ने स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह दोषियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई करे।
संपादकीय टिप्पणी
यह घटना स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी और लापरवाही जैसे मुद्दों का समाधान करना अनिवार्य है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। प्रशासन को चाहिए कि वह त्वरित जांच कर दोषियों को सजा दिलाए और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा प्रदान करे।