165 गन्ना किसानों ने परखा अपना सट्टा, डिजिटल सट्टा व्यवस्था से मिलेगी राहत

165 गन्ना किसानों ने परखा अपना सट्टा, डिजिटल सट्टा व्यवस्था से मिलेगी राहत



अम्बेडकरनगर। परिषदीय कार्यालय अकबरपुर में आयोजित सट्टा प्रदर्शन मेला ने गन्ना किसानों को उनके सट्टे से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने का एक विशेष मंच प्रदान किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन अयोध्या परिक्षेत्र के उप गन्ना आयुक्त संजय गुप्ता ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को कम लागत में अधिक गन्ना उत्पादन के माध्यम से अपनी आय बढ़ाने के टिप्स दिए।  


गुप्ता ने कहा, "गन्ना खेती को तकनीकी उन्नयन से जोड़ा जा सकता है, जिससे यह किसानों के लिए एक लाभकारी साधन बन सकता है। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर गन्ना किसान अपने उत्पादन को और अधिक कुशल बना सकते हैं।" उन्होंने यह भी जोर दिया कि सट्टे में पाई जाने वाली त्रुटियों को समय पर ठीक कर लेना चाहिए, ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके।  


मेले में 165 गन्ना किसानों ने अपने सट्टे को देखा और उसकी जानकारी प्राप्त की। इस दौरान किसानों ने सट्टा प्रक्रिया से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीं।  


कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित जिला गन्ना अधिकारी साहब लाल यादव ने डिजिटल सट्टा व्यवस्था के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन सट्टा व्यवस्था लागू की है, जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। अब किसानों को अपने सट्टे की जांच के लिए बार-बार सोसाइटी या चीनी मिल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।" इस डिजिटल व्यवस्था से न केवल किसानों का समय और पैसा बचेगा, बल्कि खतौनी का खर्च और अन्य कागजी कार्यों से भी मुक्ति मिलेगी।  


सट्टा प्रदर्शन मेला के आयोजन को सफल बताते हुए यादव ने कहा, "खामियों को दूर करने में यह मेला एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।" किसानों ने भी इस व्यवस्था की सराहना की और भविष्य में गन्ना खेती से जुड़े अन्य तकनीकी लाभों की भी उम्मीद जताई।  


इस कार्यक्रम में सचिव अजय सिंह, एससीडीआई उदय सिंह और एजीएम अरविंद सिंह भी उपस्थित रहे।


डिजिटल क्रांति से मिलेगा किसानों को लाभ


यह सट्टा प्रदर्शन मेला किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था, जहां उन्होंने अपने सट्टे की वास्तविकता को परखा और उसे डिजिटल रूप से सुधारने के तरीकों को समझा। यह कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि कैसे तकनीकी विकास और डिजिटल प्रणाली किसानों की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं को सुलझाने में सहायक हो सकती है।  


सट्टा प्रदर्शन के इस प्रयास ने यह भी स्पष्ट किया कि गन्ना किसानों के लिए सरकार की योजनाएं और नए डिजिटल प्रयोग उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कितना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

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