प्राथमिक विद्यालय में बच्चों से झाड़ू लगवाने पर उठे सवाल, शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता

प्राथमिक विद्यालय में बच्चों से झाड़ू लगवाने पर उठे सवाल, शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता



अम्बेडकरनगर। शिक्षा खंड बसखारी के प्राथमिक विद्यालय अरुसा आजमपुर में बच्चों को झाड़ू लगाते हुए देखे जाने के बाद शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जिस विद्यालय में बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा जाता है, वहां उनसे झाड़ू लगवाने की घटना ने अभिभावकों को चिंता में डाल दिया है। यह मामला तब सामने आया जब मीडिया ने मौके पर पहुंचकर इस स्थिति की पड़ताल की और पाया कि सफाई कर्मी की अनुपस्थिति में बच्चों से ही सफाई करवाई जा रही है।


अभिभावकों का कहना है कि वे अपने बच्चों को स्कूल इस उम्मीद से भेजते हैं कि वहां उन्हें उचित शिक्षा मिलेगी, लेकिन प्रधानाचार्य बच्चों से सफाई का काम करवा रहे हैं। स्कूल में बच्चों के हाथों में झाड़ू देखे जाने के बाद सवाल उठता है कि आखिर सफाई कर्मी, जिन्हें सरकारी वेतन मिलता है, क्यों अनुपस्थित रहते हैं? क्या स्कूल प्रशासन की लापरवाही और सफाई कर्मियों की मिलीभगत के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो रही है?


मीडिया द्वारा की गई पूछताछ में स्कूल प्रशासन का कहना है कि सफाई कर्मी अक्सर स्कूल में नहीं आता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि सरकारी वेतन प्राप्त करने के बावजूद सफाई कर्मी की हाजिरी कैसे लगाई जा रही है? प्रधानाचार्य और सफाई कर्मियों के बीच मिलीभगत के कारण बच्चों को झाड़ू लगाना पड़ रहा है, जो कि शिक्षा के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है।


इस घटना ने शिक्षा खंड अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके द्वारा नियमित निरीक्षण न किए जाने की वजह से ऐसी अनियमितताएँ सामने आ रही हैं। अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण करें और सुनिश्चित करें कि बच्चों को शिक्षा के अलावा अन्य कामों में न उलझाया जाए। लेकिन ऐसा लगता है कि अधिकारियों की उदासीनता के कारण विद्यालयों में ऐसी समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं।


विडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि छोटे बच्चे, जिन्हें कलम पकड़कर शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए, उनके हाथों में झाड़ू पकड़ा दिया गया है। यह स्थिति न केवल शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्राथमिक शिक्षा प्रणाली में अभी भी सुधार की आवश्यकता है। अगर बच्चों को ऐसे कामों में उलझाया जाएगा, तो वे कितनी अच्छी शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे?


यह मामला एक बड़ी चिंता का विषय है और प्रशासन को तुरंत ध्यान देकर इस पर लगाम लगानी चाहिए। अगर समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो शिक्षा की स्थिति और बदतर हो सकती है। ऐसे लापरवाह प्रधानाचार्यों और सफाई कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि बच्चों को सही शिक्षा मिल सके और उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।

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