अंबेडकरनगर: जिले में छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य करने की प्रक्रिया के तहत, बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली शुरू कर दी गई है। पहले चरण में वन ग्रेड के आठ शिक्षा संस्थानों में यह व्यवस्था लागू की गई है, जहां छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बायोमीट्रिक मशीन के माध्यम से दर्ज की जा रही है।
अब तक बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं दाखिले के बाद नियमित रूप से कॉलेज न जाकर भी छात्रवृत्ति का लाभ उठाते थे। इस समस्या को दूर करने के लिए शासन ने यह कदम उठाया है। बायोमीट्रिक उपस्थिति के जरिए अब 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी, ताकि छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए पात्रता तय की जा सके।
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी विकास मौर्य के अनुसार, प्रथम चरण में आठ कॉलेजों में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है, और जल्द ही अन्य बड़े संस्थानों में भी इसे लागू किया जाएगा।
जिन कॉलेजों में यह प्रणाली शुरू हुई है, उनमें चौधरी कॉलेज ऑफ फार्मेसी, देव इंद्रावती कॉलेज ऑफ फार्मेसी, एमजीबी रजत कॉलेज ऑफ फार्मेसी, महामाया कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज, उषा कॉलेज ऑफ फार्मेसी, और विदुषी कॉलेज ऑफ फार्मेसी शामिल हैं।