अम्बेडकरनगर। जिले के जहांगीरगंज क्षेत्र में पट्टे की भूमि पर निर्माण को लेकर उत्पन्न विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। तिलकटंडा गांव में पट्टे की भूमि पर विवाद की वजह से स्थानीय पट्टेधारकों ने आलापुर तहसील मुख्यालय पर जमकर हंगामा किया। इसके साथ ही उन्होंने रोड जाम किया और एसडीएम के वाहन को रोककर परिसर में भी प्रदर्शन किया। यह घटना मंगलवार को हुई और इसके बाद से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।
गौरतलब है कि तिलकटंडा गांव में 2008-09 के दौरान अनुसूचित जाति के 32 लोगों को आवासीय पट्टा जारी किया गया था। इनमें से केवल रामधनी और कुछ अन्य पट्टेधारक ही भूमि पर कब्जा कर सके हैं, जबकि बाकी आवंटियों का कब्जा अब तक नहीं हो पाया है। इस बीच, एक तरफ जहां पट्टेधारक रामधनी और उनके सहयोगी अपनी आवासीय भूमि पर निर्माण कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आधा दर्जन से अधिक लोगों ने अवैध रूप से भूमि पर कब्जा कर लिया है।
इस निर्माण को लेकर पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा था। पट्टेधारक रामधनी द्वारा भूमि पर बढ़कर निर्माण कार्य किए जाने का आरोप लगाते हुए अन्य पट्टेधारक इस निर्माण को रोकने की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि निर्माण कार्य भूमि के आवंटन से अधिक पर किया जा रहा है, जिससे उनकी अधिकारिक स्थिति पर असर पड़ रहा है।
17 सितंबर को, जब निर्माणाधीन मकान पर छत की ढलाई शुरू की गई, तो अन्य पट्टेधारक और ग्रामीण गुस्से में आ गए और उन्होंने आलापुर तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने जहांगीरगंज बसखारी रोड को कुछ समय के लिए जाम कर दिया। इसके बाद, आक्रोशित ग्रामीण तहसील परिसर में पहुंच गए और एसडीएम सुभाष सिंह के वाहन को रोक लिया। प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम के वाहन को घेर लिया और कुछ ग्रामीण एसडीएम के वाहन के सामने लेट गए।
हंगामे और प्रदर्शन के बीच एसडीएम को अपने वाहन से उतरना पड़ा। ग्रामीणों ने एसडीएम से निर्माण कार्य को रोकने और विवादित भूमि की जब्ती की कार्रवाई की मांग की। एसडीएम ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए निर्माण कार्य को तुरंत रोकने का आदेश दिया और आश्वासन दिया कि विवादित भूमि की जब्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
एसडीएम सुभाष सिंह ने बताया कि निर्माण कार्य को रोक दिया गया है और विवादित भूमि पर जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, ग्रामीणों ने भी एसडीएम को शिकायत पत्र सौंपा है। इसमें श्रवण कुमार, शनि, निरंजन और ज्ञानधर ने प्रमुख रूप से आरोप लगाया है कि रामधनी और उनके पुत्र ने आवंटित भूमि से अधिक पर कब्जा कर अवैध निर्माण किया है। शिकायत पत्र में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
इस पूरे मामले ने क्षेत्र में तनाव और असंतोष का माहौल पैदा कर दिया है। विवाद की वजह से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है और वे न्याय की उम्मीद में हैं। तहसील प्रशासन ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस विवाद का हल किस प्रकार निकालता है और पट्टेधारकों के बीच समझौता स्थापित कर पाता है या नहीं।