कासगंज कांड के विरोध में अधिवक्ताओं का गुस्सा सड़कों पर फूटा, आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग

कासगंज कांड के विरोध में अधिवक्ताओं का गुस्सा सड़कों पर फूटा, आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग



अंबेडकरनगर: कासगंज में महिला अधिवक्ता की निर्मम हत्या के विरोध में जिले के अधिवक्ताओं का गुस्सा चरम पर पहुंच गया है। शनिवार को जिले की पांचों तहसीलों में अधिवक्ता एकजुट होकर सड़कों पर उतरे और जोरदार प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि कासगंज में जिस तरह से महिला अधिवक्ता की हत्या की गई, वह न केवल घोर निंदनीय है बल्कि यह न्यायिक प्रणाली पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। 


अधिवक्ताओं ने आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया और चेतावनी दी कि अगर इस अवधि के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।


जिला मुख्यालय पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के. डी. मिश्र के नेतृत्व में अधिवक्ताओं का एक विशाल समूह सड़कों पर उतरा। सचिव विशाल सिंह सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने विरोध रैली निकाली जो जिला अदालत परिसर से शुरू होकर बसपा कार्यालय, पटेलनगर, और टांडा रोड होते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंची। यहां प्रदर्शन के बाद अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। 


ज्ञापन में कहा गया कि कासगंज कांड के आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी न होना प्रशासन की असफलता को दर्शाता है। अधिवक्ताओं ने मांग की कि यदि 48 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो आंदोलन और भी उग्र होगा और इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।


जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के. डी. मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में अधिवक्ताओं का उत्पीड़न लगातार बढ़ रहा है, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कासगंज में महिला अधिवक्ता की हत्या ने हमें झकझोर दिया है। अगर जल्द ही आरोपियों को सलाखों के पीछे नहीं डाला गया, तो हम सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमें न्याय नहीं मिलता। 


इसी तरह का विरोध आलापुर तहसील में भी देखने को मिला, जहां अधिवक्ता अशोक मिश्र और शेषनाथ सिंह की अगुवाई में अधिवक्ताओं ने विरोध रैली निकाली। नारेबाजी करते हुए अधिवक्ताओं ने न्याय की मांग उठाई और कहा कि इस जघन्य हत्या कांड में शामिल अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और अन्य सुविधाएं प्रदान करने की मांग भी की। रैली में शामिल अधिवक्ता सुनीति द्विवेदी ने कहा कि इस घटना ने पूरे न्यायिक समुदाय को हिला कर रख दिया है। अगर सरकार ने जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की, तो अधिवक्ताओं का यह आंदोलन पूरे राज्य में फैल जाएगा।


टांडा और जलालपुर में भी अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। यहां भी अधिवक्ता सड़कों पर उतरे और अपनी मांगों के लिए सरकार से न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने जोर देकर कहा कि अधिवक्ता समाज न्याय व्यवस्था का अहम हिस्सा हैं, लेकिन आज उन्हें खुद न्याय की दरकार है। अधिवक्ताओं ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार अधिवक्ताओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे और इस मामले में शामिल दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाए।


कासगंज कांड को लेकर उठे इस विरोध में अधिवक्ताओं का एक सुर में कहना था कि यदि 48 घंटे के अंदर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू होगा।

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