अंबेडकरनगर: जिले में पुलिस की मनमानी और फर्जी कार्यवाही का एक और मामला सामने आया है। शराब की फर्जी बरामदगी दिखाकर एक युवक को गिरफ्तार करने के आरोप में अकबरपुर कोतवाली के दो सिपाही निलंबित कर दिए गए हैं, जबकि जेल चौकी प्रभारी और एक अन्य सिपाही को लाइनहाजिर कर दिया गया है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित युवक ने एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद एसपी ने सख्त कार्रवाई की।
सिसानी अखईपुर निवासी विवेक कुमार ने एसपी डॉ. कौस्तुभ से शिकायत की थी कि 4 सितंबर की रात उन्हें अकबरपुर कोतवाली के दो सिपाहियों ने बेवजह गिरफ्तार किया और फर्जी तरीके से 24 पाउच शराब की बरामदगी दिखाकर उन्हें फंसा दिया। विवेक का आरोप था कि यह कार्यवाही उनके विपक्षी की साजिश थी, जिसमें पुलिसकर्मियों ने मिलीभगत कर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की। विवेक ने बताया कि न तो वह शराब का सेवन करते हैं और न ही उनके खिलाफ कोई पूर्व मामला दर्ज है। उन्होंने इसे पूरी तरह से पुलिस की मनमानी बताया।
एसपी डॉ. कौस्तुभ ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल प्रारंभिक जांच का आदेश दिया। जांच में यह पाया गया कि विवेक कुमार को फर्जी तरीके से गिरफ्तार किया गया था और शराब की बरामदगी भी पूरी तरह से मनगढ़ंत थी। इसके बाद एसपी ने विवेक को फंसाने वाले दोनों सिपाहियों विधान सिंह और जितेश शर्मा को तुरंत निलंबित कर दिया। इसके साथ ही जेल चौकी प्रभारी प्रभात गंगवार और सिपाही सोनू यादव को भी लाइनहाजिर कर दिया गया। इन दोनों पर आरोप था कि इन्होंने बिना तथ्यों की पुष्टि किए युवक का चालान कर दिया, जिससे विवेक को फर्जी मामले में जेल भेजा गया।
मालीपुर में हाल ही में एक और ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां छेड़खानी की शिकार पीड़िता के पिता को ही शराब के साथ पकड़कर जेल भेज दिया गया था। यह विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब अकबरपुर पुलिस की इस नई करतूत का पर्दाफाश हो गया है। एसपी ने सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर फिर से इस तरह की पुलिस मनमानी सामने आई तो संबंधित कर्मियों के खिलाफ न केवल अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी, बल्कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज किए जाएंगे।