अंबेडकरनगर। जिला अस्पताल में अब हेपेटाइटिस-बी और सी की जांच की सुविधा इसी सितंबर माह के अंत तक शुरू हो जाएगी, जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। अब तक इन जांचों के लिए मरीजों को अयोध्या जाना पड़ता था, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती थी। नई सुविधा के अंतर्गत जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस-बी और सी की मुफ्त जांच की व्यवस्था की जा रही है, जो कि स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
लगभग एक माह पूर्व ही जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस-बी और सी के इलाज की सुविधा प्रारंभ की गई थी, लेकिन जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसके चलते मरीजों को खून का नमूना अयोध्या भेजना पड़ता था, जिससे रिपोर्ट आने में एक सप्ताह तक का समय लगता था। रिपोर्ट की प्रतीक्षा के दौरान मरीज और उनके परिजनों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
निजी पैथोलॉजी में हेपेटाइटिस-बी और सी की जांच करवाने पर लगभग 10 हजार रुपये खर्च होते थे, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को भारी दबाव का सामना करना पड़ता था। इस स्थिति को देखते हुए जिला अस्पताल ने इन जांचों को मुफ्त में उपलब्ध कराने की पहल की है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, सितंबर के अंतिम सप्ताह तक यह सुविधा शुरू हो जाएगी, जिससे मरीजों को काफी लाभ होगा।
सीएमएस डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि हेपेटाइटिस-बी और सी की जांच की निशुल्क सुविधा को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और यह सुविधा जल्द ही मरीजों को उपलब्ध होगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अगस्त माह में अस्पताल से सात संदिग्ध नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, जिनमें से छह हेपेटाइटिस-बी और एक हेपेटाइटिस-सी के संदिग्ध थे। रिपोर्ट में दो मरीजों में हेपेटाइटिस-बी की पुष्टि हुई, जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।
शुक्रवार को जिला अस्पताल परिसर के मातृ-शिशु विंग में एक हेपेटाइटिस-बी से संक्रमित महिला ने पुत्र को जन्म दिया। नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत बच्चे को हेपेटाइटिस-बी से बचाने के लिए लगभग छह हजार रुपये की लागत वाला एचबीआईजी इंजेक्शन मुफ्त लगाया गया, जिससे बच्चे को इस रोग से सुरक्षित किया जा सके।
जिला अस्पताल के प्रबंधक डॉ. हर्षित गुप्ता ने बताया कि इस महत्वपूर्ण इंजेक्शन से नवजात का हेपेटाइटिस-बी से बचाव संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन मरीजों की सुरक्षा और इलाज के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
इस पहल से मरीजों को अयोध्या या निजी लैब जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, और उन्हें समय पर उचित इलाज भी मिल सकेगा। जिला अस्पताल में इस सुविधा के शुरू होने से न केवल मरीजों का समय बचेगा बल्कि आर्थिक भार भी कम होगा।