अम्बेडकरनगर। टांडा कोतवाली क्षेत्र के मुस्तफाबाद बिहरोजपुर में ससुरालियों द्वारा मायके की संपत्ति बेचवाने के दबाव और दहेज़ उत्पीड़न का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़िता खुशबू वर्मा ने टांडा कोतवाली में अपने पति और ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
खुशबू वर्मा, जो मुस्तफाबाद बिहरोजपुर निवासी स्वर्गीय सत्य नारायण वर्मा की एकलौती पुत्री हैं, का विवाह 28 अप्रैल 2022 को अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम हरिपुर पोस्ट जमुनीपुर निवासी पंकज वर्मा के साथ संपन्न हुआ था। विवाह से पहले यह सहमति बनी थी कि खुशबू अपने मायके की संपत्ति की देखभाल करेंगी, और आगे चलकर यह संपत्ति उनके पुत्रों को सौंप दी जाएगी।
लेकिन शादी के बाद खुशबू को ससुराल में लगातार मायके की संपत्ति को बेचने के लिए दबाव डाला जाने लगा। इसके साथ ही ससुरालियों द्वारा चार पहिया वाहन अर्टिगा की मांग भी बार-बार की जा रही थी। खुशबू का आरोप है कि 4 फरवरी 2024 को उनके ससुरालियों ने मारपीट की और उनके सारे जेवर छीन लिए। इसके बाद उन्हें केवल पहने हुए कपड़ों में जबरन घर से निकाल दिया गया।
खुशबू ने बताया कि कई महीनों तक ससुरालियों ने उनसे संपर्क नहीं किया, जिसके बाद 14 जून को अरिया में पंचायत आयोजित की गई। पंचायत के दौरान ससुरालियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि खुशबू को मायके की संपत्ति बेचकर ससुराल आना होगा, अन्यथा उनके पति की दूसरी शादी करा दी जाएगी। पंचायत में उपस्थित संभ्रांत लोगों के सामने भी ससुरालियों ने कोई समझौता करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद खुशबू को न्याय पाने के लिए पुलिस का सहारा लेना पड़ा।
टांडा कोतवाली निरीक्षक दीपक सिंह रघुवंशी ने बताया कि खुशबू वर्मा की शिकायत के आधार पर मुकदमा अपराध संख्या 286/24 पर आईपीसी की धारा 498-ए (दहेज़ उत्पीड़न), 323 (मारपीट), 504 (अपमानजनक व्यवहार), और 506 (धमकी) सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में खुशबू के पति पंकज वर्मा, ससुर छोटे लाल, सास सुशीला वर्मा, देवर अंकुर वर्मा, अंकित वर्मा और मौसी शशिकला वर्मा को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।
यह घटना समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न की एक और दुखद मिसाल है। दहेज़ की मांग और मायके की संपत्ति बेचने के लिए महिला पर दबाव बनाना समाज में फैले लालच और नैतिक पतन को दर्शाता है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि खुशबू को न्याय मिलेगा और दोषियों को सजा दी जाएगी।