रैगिंग का बदला: छात्र ने खुद को छात्रा बताकर भेजा फर्जी ईमेल, पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा

रैगिंग का बदला: छात्र ने खुद को छात्रा बताकर भेजा फर्जी ईमेल, पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा




अंबेडकरनगर। महामाया राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर में रैगिंग के बदले की अजीबो-गरीब साजिश सामने आई है, जिसने पूरे कॉलेज को हिला कर रख दिया। तीन दिनों तक यौन शोषण के आरोपों से मचा हड़कंप उस वक्त फर्जी निकला जब पुलिस ने इस मामले की गहरी पड़ताल की। जांच में खुलासा हुआ कि एक छात्र ने खुद को छात्रा बताकर ईमेल के ज़रिए गंभीर आरोप लगाए थे। आरोपी आजमगढ़ का रहने वाला है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।


फर्जी ईमेल ने मचाया तहलका


14 सितंबर की रात, कॉलेज प्रशासन को एक गुमनाम ईमेल मिला, जिसमें 2021-22 बैच की एक पैरामेडिकल छात्रा के नाम से यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। इस मेल में पांच लोगों को नामजद कर आत्महत्या की धमकी दी गई थी। ईमेल के आते ही कॉलेज प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया। अलीगंज थाने में मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू कर दी गई।


इस गुमनाम ईमेल ने जांचकर्ताओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती छात्रा की पहचान करने की थी। पुलिस ने जीमेल अकाउंट को ट्रैक करने के लिए गूगल की मदद ली, और खुलासा हुआ कि मेल एक छात्र ने ही छात्रा बनकर भेजा था।


रैगिंग का बदला: बड़ी साजिश


पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी छात्र, जो पैरामेडिकल प्रथम वर्ष का है, ने यह साजिश अपने सीनियर से रैगिंग का बदला लेने के लिए रची थी। एसपी डॉ. कौस्तुभ ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि छात्र ने अपने सीनियर से रैगिंग के कारण नाराज होकर फर्जी मेल भेजा था। पुलिस ने उसका मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर लिया, जिससे इस पूरे षड्यंत्र को अंजाम दिया गया था।


खतरनाक खेल: फर्जी मेल से पुलिस को किया गुमराह


छात्र ने पहले 14 सितंबर को फर्जी ईमेल भेजा, जिसमें 15 सितंबर तक कार्रवाई न होने पर आत्महत्या की धमकी दी थी। पुलिस की सक्रियता को देखते हुए, उसने बार-बार मेल भेजकर जांच को गुमराह करने की कोशिश की। आखिरकार, जब पुलिस गूगल तक पहुंच गई और मेल की सच्चाई का पता लगाया, तब खुद को बचाने के लिए उसने एक और मेल भेजा कि अब वह जांच से संतुष्ट है। लेकिन पुलिस ने इस बार पीछे न हटते हुए पूरे मामले की तह तक पहुंचकर साजिश का पर्दाफाश कर दिया।


फर्जी मेल में गंभीर आरोपों से उठे सवाल


फर्जी मेल में यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिसमें एक कोर्स कोऑर्डिनेटर के साथ संबंधों का दावा किया गया था। मेल में कहा गया था कि कोऑर्डिनेटर ने उसका स्थानांतरण रुकवाने के लिए एक अन्य कर्मचारी के साथ संबंध बनाने का दबाव डाला। हालाँकि, पुलिस की गहन जांच में ये सभी आरोप झूठे साबित हुए, लेकिन इन आरोपों ने कॉलेज प्रशासन के संचालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


पुलिस की तत्परता और खुलासा:


आरोपी शिवनारायण ने सीनियर कपिल शुक्ल और अन्य स्टाफ से बदला लेने के लिए इस साजिश को अंजाम दिया था। उसने फर्जी जीमेल अकाउंट बनाकर मेल भेजा, जिसमें सीनियर कपिल और अन्य स्टाफ को फंसाने की कोशिश की गई थी। पुलिस ने सभी पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिलने पर उन्हें रिहा कर दिया गया।


इस चौंकाने वाले मामले का खुलासा करने पर एसपी डॉ. कौस्तुभ ने अलीगंज थाने और साइबर टीम की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने टीम को 10,000 रुपये का पुरस्कार देकर उनके मनोबल को बढ़ाने का ऐलान किया।

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