अंबेडकरनगर। तहसील जलालपुर के उसरहा गांव में एक राजस्व निरीक्षक पर बंजर भूमि पर सरकारी रास्ता अंकित करने के नाम पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप सामने आया है। स्थानीय निवासी राम आधार ने एसडीएम जलालपुर को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया है कि राजस्व निरीक्षक ने उनसे सरकारी रास्ता बनवाने के नाम पर दस हजार रुपये की मांग की, जिसमें से पांच हजार रुपये राजस्व निरीक्षक के पुत्र के खाते में जमा किए गए, जबकि शेष पांच हजार रुपये नकद रूप में उच्चाधिकारियों को देने के बहाने लिए गए।
राम आधार का कहना है कि उसे अपने घर तक पहुंचने के लिए एक सार्वजनिक रास्ते की आवश्यकता थी। इस सिलसिले में वह राजस्व निरीक्षक से मिला, जिसने बंजर भूमि पर सरकारी रास्ता अंकित करने के लिए दस हजार रुपये की मांग की। राम आधार के अनुसार, उसने पांच हजार रुपये राजस्व निरीक्षक के पुत्र के खाते में ट्रांसफर कर दिए और पांच हजार नकद रूप में दिए, जो राजस्व निरीक्षक ने यह कहकर लिया कि यह राशि उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी ताकि रास्ते का काम बिना किसी अड़चन के पूरा हो सके।
राम आधार का आरोप है कि इसके बाद लंबा समय बीत गया, लेकिन न तो रास्ते का कोई काम हुआ और न ही पैसे वापस किए गए। जब उसने अपने पैसे वापस मांगे, तो राजस्व निरीक्षक ने उसे फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी। अब तक न तो रास्ता बना और न ही प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई हुई है, जिससे पीड़ित राम आधार की स्थिति और भी दयनीय हो गई है।
शिकायत के बाद अब यह मामला एसडीएम जलालपुर के पास पहुंच गया है। पीड़ित ने एसडीएम से न्याय की गुहार लगाई है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और रिश्वतखोरी के आरोप में घिरे राजस्व निरीक्षक के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।
इस मामले से ग्रामीणों में आक्रोश है, और स्थानीय लोग प्रशासन से इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि आम जनता को न्याय मिल सके और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके।