अंबेडकरनगर : जिले के 377 माध्यमिक स्कूलों में कमजोर विद्यार्थियों को पढ़ाई में मदद करने के उद्देश्य से गुरुजी उपचारात्मक कक्षाएं आयोजित करेंगे। इन कक्षाओं का मकसद उन बच्चों का चयन करना है, जिन्हें विषय समझने में परेशानी हो रही है, ताकि वे भी अन्य छात्रों की तरह पढ़ाई में दक्ष हो सकें। इसके लिए सभी विषयवार शिक्षकों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
जिले में 32 राजकीय, 60 वित्त पोषित और 285 वित्तविहीन स्कूल हैं, जिनमें एक लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इन उपचारात्मक कक्षाओं के जरिए कमजोर बच्चों को अन्य विद्यार्थियों के बराबर लाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा ने सभी जिलों में निर्देश जारी कर इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया है।
उपचारात्मक कक्षाओं में कक्षा 9 और 10 के लिए विज्ञान, गणित, हिंदी, और अंग्रेजी विषयों पर ध्यान दिया जाएगा, जबकि कक्षा 11 और 12 के लिए गणित, अंग्रेजी, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान और जीव विज्ञान शामिल हैं। प्रत्येक कक्षा से 25 प्रतिशत कमजोर विद्यार्थियों का चयन कर इन कक्षाओं में शामिल किया जाएगा। इनमें खासतौर पर उन बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी जो अधिक अनुपस्थित रहे हों, बीमार रहे हों, या जिनकी सीखने की गति धीमी हो।
जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीश सिंह ने बताया कि सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और जल्द ही कमजोर बच्चों का चयन कर उपचारात्मक कक्षाएं शुरू की जाएंगी, ताकि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर परिणाम आ सकें।