सिर्फ रासायनिक नहीं, अब जैविक खेती की ओर बढ़ेंगे अंबेडकरनगर के किसान

सिर्फ रासायनिक नहीं, अब जैविक खेती की ओर बढ़ेंगे अंबेडकरनगर के किसान



अंबेडकरनगर। अनाज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अधिकांश किसान रासायनिक उर्वरकों का व्यापक उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, इससे अनाज की उत्पादन मात्रा तो बढ़ रही है, लेकिन गुणवत्ता में कमी आ रही है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी कमजोर हो रही है। इस चुनौती को देखते हुए, कृषि विभाग ने किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। 


इस पहल के अंतर्गत, दो तहसीलों के 18 गांवों के 411 किसानों को एक हजार एकड़ क्षेत्र में जैविक खेती के लिए चिह्नित किया गया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर क्लस्टर बनाए जाएंगे, जिसमें नोडल अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। ये नोडल अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों के किसानों को जैविक खेती की तैयारी से लेकर सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेंगे। 


चिह्नित गांवों में अकबरपुर ब्लॉक के जगदीशपुर मुस्लिम, अहलादे, ताराखुर्द, उमरपुर (प्रथम, द्वितीय, और तृतीय), बासगांव, मलिकपुर, अहेथा, जोगापुर, अहेथ्यया किशुनीपुर, समोक्खपुर, और रोशनगढ़ शामिल हैं। इसके अलावा, कटेहरी ब्लॉक के भी कुछ गांवों का चयन किया गया है। 


कृषि अधिकारी इस अभियान के तहत किसानों में जागरूकता फैलाने के लिए ब्लॉक स्तर पर कार्यशाला आयोजित कर रहे हैं, जहां किसानों को जैविक खेती के लाभ और तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। जैविक खेती से खाद्यान्न उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होगी। 


उपकृषि निदेशक डॉ. अश्विनी सिंह ने जानकारी दी कि जैविक खेती के लिए चयनित 18 गांवों के किसानों को अयोध्या के कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज में पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ब्लॉक स्तर पर भी लगातार प्रशिक्षण का कार्य जारी है। इस पहल के माध्यम से किसानों को कम लागत में बेहतर उत्पादन का लाभ प्राप्त होगा, जिससे वे एक स्वस्थ और आर्थिक रूप से सशक्त भविष्य की ओर बढ़ सकेंगे। 


इस कदम से न केवल क्षेत्र के किसानों का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा, बल्कि यह पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्थायी कृषि प्रणाली का विकास होगा।

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