अंबेडकरनगर में विधानसभा उपचुनाव के दौरान राजनैतिक माहौल गर्म हो गया है। उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव पर तीखा हमला करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। राजभर ने यादव पर अन्य पिछड़े वर्गों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उन्हें सीधे तौर पर चुनौती दी है।
राजभर ने शिवपाल यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि यादव की ओर से 86 में 56 अहिर को एसडीएम के पद पर नियुक्त किया गया, जबकि अन्य पिछड़े वर्गों को नजरअंदाज कर दिया गया। राजभर का सवाल है कि ऐसे में शिवपाल यादव किस आधार पर अन्य पिछड़े वर्गों का समर्थन मांग रहे हैं।
राजभर ने इस बात का भी खुलासा किया कि जब वे स्वयं शिवपाल यादव से अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों में स्थान देने की बात करने गए थे, तब यादव ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सिर्फ अहिरों को भर्ती किया जाएगा। राजभर ने इसे अन्य पिछड़े वर्गों के प्रति समाजवादी पार्टी के रवैये का उदाहरण बताते हुए आरोप लगाया कि यादव और उनकी पार्टी सिर्फ एक ही वर्ग का समर्थन करते हैं।
शिवपाल यादव द्वारा प्रशासन पर लगाए गए आरोपों को लेकर राजभर ने कहा कि यादव की ये शिकायतें सिर्फ हार के डर से किए जा रहे बहाने हैं। उनका मानना है कि यादव और उनकी पार्टी चुनावी पराजय को पहले ही मान चुके हैं, इसलिए इस तरह की बातें उठाकर प्रशासन पर दोषारोपण करने का प्रयास कर रहे हैं। राजभर ने चुनौतीपूर्ण लहजे में कहा कि शिवपाल यादव अपनी हार की झलक देख चुके हैं और अब वे इसे स्वीकार करने में ही बहानेबाजी कर रहे हैं।
अंबेडकरनगर उपचुनाव में दोनों नेताओं के बीच यह जुबानी जंग साबित करती है कि चुनावी टकराव इस बार एक नए स्तर पर पहुंच गया है। राजभर ने शिवपाल यादव को ओबीसी हितों का विरोधी बताते हुए आम जनता से अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील की है। शिवपाल यादव की चुप्पी और राजभर के आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया चुनावी नतीजों पर कितना असर डालती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
इस प्रकार, अंबेडकरनगर के चुनावी मैदान में ओमप्रकाश राजभर ने शिवपाल यादव को सीधे चुनौती देते हुए एक नया मुद्दा खड़ा कर दिया है, जिससे चुनावी संघर्ष और भी रोचक और तीव्र हो गया है।