रिश्वतखोरी में फंसे दारोगा अरुण कुमार सिंह निलंबित, इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

रिश्वतखोरी में फंसे दारोगा अरुण कुमार सिंह निलंबित, इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो


रिपोर्ट:- सत्यम सिंह (70819 32004)


अम्बेडकरनगर। रिश्वतखोरी के गंभीर आरोपों में घिरे मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी को पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मौजूदा समय में निलंबन का पनिशमेंट पाए दारोगा अरुण कुमार सिंह की तैनाती अलीगंज थाने की मेडिकल कॉलेज चौकी में थी।


थाना अलीगंज में तैनाती के दौरान  उन पर एक मारपीट के मुकदमे में धारा बढ़ाने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था।


विवरण अनुसार सद्दरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी ( थाना अलीगंज) पर बीते साल 2024 के अक्टूबर माह में तैनात रहते हुए, दारोगा अरुण कुमार सिंह ने एक मारपीट के मुकदमे में धाराएं जोड़ने के बदले 5,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। 


पीड़िता किरन यादव ने रिश्वत के रुपये मुकदमे में धाराएं बढ़ाने के लिए दारोगा को दिए। योजनाबद्ध तरीके से इसी बीच लेन-देन के दौरान उसका वीडियो भी बना लिया गया।


इस वीडियो में दारोगा अरुण कुमार सिंह एक अस्पताल में बैठकर रिश्वत लेते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में शिकायत कर्ता पीड़िता खुद अपने हाथों से दारोगा को पैसे देती दिख रही है। वहां मौजूद अन्य लोग भी इस पूरे घटनाक्रम के गवाह बने।


(रेनबो न्यूज वायरल वीडियो की पुष्टि नही करता है।)


जब यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ, तो मामला तूल पकड़ने लगा। एसपी केशव कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच क्षेत्राधिकारी (सीओ) टांडा शुभम कुमार को सौंप दी। प्रारंभिक जांच में वीडियो की सत्यता की पुष्टि हुई और दारोगा को प्रथम दृष्ट्या दोषी पाया गया, जिसके बाद उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया।


सीओ टांडा ने बताया कि वीडियो पिछले वर्ष 2024 के अक्टूबर माह का है,। रिश्वत का मामला प्रमाणित होने पर दारोगा के खिलाफ आगे की जांच जारी है। अगर आगे की जांच में अधिक गंभीर तथ्य सामने आते हैं, तो उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।


जिले में पुलिस विभाग के मुखिया द्वारा उठाए गए इस कदम से सभी अधिकारियों और कर्मियों में अंदर ही अंदर भय व्याप्त हो गया है। एस पी का यह कदम दर्शाता है कि वह विभाग में भ्रष्टाचार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे।


एसपी केशव कुमार के इस कड़े कदम से स्पष्ट होता है कि पुलिस की छवि खराब करने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई होगी।



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