
अंबेडकरनगर। एक मां की ममता कराह रही है, आंखों के आंसू सूखने का नाम नहीं ले रहे। उसकी बेटी जो कल तक घर की चौखट पर खेलती थी, आज कहीं खो गई है। परिवार ने लाख तलाश की, लेकिन बेटी का कोई सुराग नहीं!
गांववालों की जुबान पर अब सिर्फ एक ही सवाल है—आखिर कहां गई रेनू? 9 मार्च की दोपहर वह घर से निकली और फिर वापस नहीं लौटी। घरवालों ने जब खोजबीन शुरू की, तो एक अनजान नंबर तक पहुंचे। फोन मिलाया तो उधर से कोई नाम-पता बताने को तैयार नहीं।
रेनू की मां को डर सता रहा है कि कहीं उसकी मासूम बच्ची किसी अनहोनी का शिकार न हो जाए। क्या उसे किसी ने बहला-फुसलाकर भगा लिया? या फिर यह किसी बड़े षड्यंत्र की आहट है?
परिवार ने पुलिस से बेटी को ढूंढने की गुहार लगाई है। पूरा गांव सहमा हुआ है। लोग कानाफूसी कर रहे हैं—आखिर कौन है वो, जो इस घर की खुशियां लूट ले गया? पुलिस जांच में जुट गई है, लेकिन सवाल अब भी खड़ा है—क्या रेनू सही सलामत वापस आएगी?